Geeta Jayanti 2023 श्रीमद्भागवत गीता एक पवित्र हिंदू ग्रंथ है जो हिंदुओं के बीच बहुत सम्मानित है। यह ग्रंथ भगवान कृष्ण और अर्जुन के बीच संवाद का वर्णन करता है, और यह जीवन के सभी पहलुओं पर मार्गदर्शन प्रदान करता है।
यदि आपके घर में श्रीमद्भागवत गीता है, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। इनमें शामिल हैं:
गीता को साफ-सुथरे और पवित्र स्थान पर रखें। इसे किसी गंदगी या अपवित्र स्थान पर न रखें।
गीता को बिना नहाए या गंदे हाथों से न छुएं। इससे गीता को अपवित्र माना जाता है।
मासिक धर्म में गीता को न छुएं। यह भी गीता को अपवित्र माना जाता है।
गीता को कभी भी उल्टा या नीचे की ओर न रखें। इसे हमेशा सीधा रखें।
गीता को कभी भी जला न दें या न फाड़ें। यह गीता का अपमान माना जाता है।
इन बातों का ध्यान रखकर आप श्रीमद्भागवत गीता के पवित्रता को बनाए रख सकते हैं और इसके पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
घर में श्रीमद्भागवत गीता रखने के नियम
घर में श्रीमद्भागवत गीता Geeta Jayanti को रखने और पाठ करते वक्त कुछ बातों का खयाल रखना चाहिए, तभी पूर्ण फल मिलता है. ये बहुत पवित्र ग्रंथ है इसलिए इसे साफ-पवित्र स्थान पर ही रखें.
बिना नहाए, गंदे हाथों, या मासिक धर्म में गीता को स्पर्श न करें. इससे व्यक्ति पाप का भागी बनता है और मानसिक-आर्थिक तनाव होने लगते हैं.
श्रीमद्भागवत गीता को जमीन पर रखकर न पढ़ें. इसके लिए पूजा चौकी या फिर काठ (लकड़ी से बना स्टेंड) का इस्तेमाल करें. साथ ही गीता को एक लाल कपड़े में बाधकर रखें.
गीता पाठ करने के लिए अपने ही आसन का उपयोग करें. दूसरों का आसन नहीं लेना चाहिए इससे पूजा-पाठ का प्रभाव कम हो जाता है.पाठ शुरू करने से पहले भगवान गणेश और श्री कृष्ण का स्मरण करें.
दिन में किसी भी वक्त गीता का पाठ कर सकते हैं लेकिन अगर कोई अध्याय शुरू किया है तो उसे बीच में न छोड़े. पूरा अध्याय पढ़ने के बाद ही उठें
गीता पाठ करने के लाभ geeta paat karne ke laabh
पुराणों के अनुसार जिस घर में नियमित रूप से गीता का पाठ किया जाता है वहां खुशहाली बनी रहती है. गीता में धर्म, कर्म, नीति, सफलता, सुख का राज छिपा है. इसके पठन-पाठन से जीवन की हर समस्या का हल प्राप्त हो सकता है.
गीता का पाठ करने से व्यक्ति में किसी भी परिस्थिति से लड़ने की काबिलियत आती है. घर में लक्ष्मी का वास होता है.
मानसिक परेशानी और गृह क्लेश से मुक्ति, विरोधी का सामना करने के शक्ति गीता पाठ करने से प्राप्त होती है. इसमें लिखे श्लोक व्यक्ति को वास्तविकता से रूबरू करता हैं.
गीता जयंती Geeta Jayanti के दिन गीता पाठ के साथ हवन किया जाए तो इससे वास्तु दोष समात् होता है.
गीता का पाठ नियमित रूप से करने से मृत्यु के बाद पिशाच योनी से मुक्ति मिल जाती है.