KARMASU

Nuakhai

Ganesh Chaturthi: हिंदू धर्म में, भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है, जिनकी पूजा हर शुभ कार्य से पहले की जाती है। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को उनके जन्मोत्सव के रूप में Ganesh Chaturthi गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन से 10 दिवसीय गणेश महोत्सव का प्रारंभ होता है, जो अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश की प्रतिमा के विसर्जन के साथ समाप्त होता है।

यह पर्व महाराष्ट्र और गुजरात सहित देश के कई राज्यों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से भक्तों के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही, कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है और आर्थिक संकट भी दूर होते हैं। भगवान गणेश को रिद्धि-सिद्धि के दाता और सभी मनोकामनाएं पूरी करने वाला माना जाता है। उन्हें विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता भी कहा जाता है, जिससे उनके मंगल प्रवेश से जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं और मंगल ही मंगल होता है।

इस साल, गणेश चतुर्थी 27 अगस्त 2025, बुधवार को मनाई जाएगी। गणेश स्थापना भी इसी दिन होगी और गणेश विसर्जन 6 सितंबर 2025, शनिवार को होगा।

Ganesh Chaturthi 2025: Auspicious time: गणेश चतुर्थी 2025: शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, गणेश चतुर्थी की तिथि और पूजा के लिए शुभ समय इस प्रकार है:

चतुर्थी तिथि का प्रारंभ: 26 अगस्त 2025 को दोपहर 01 बजकर 54 मिनट पर।

चतुर्थी तिथि का समापन: 27 अगस्त 2025 को दोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर।

गणेश चतुर्थी का दिन: सनातन धर्म में उदया तिथि का मान होता है, इसलिए Ganesh Chaturthi गणेश चतुर्थी 27 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी।

Hartalika Teej 2025 Date: 25 या 26 अगस्त, कब है हरतालिका तीज, जानिए शुभ मुहूर्त और जरूरी बातें

गणेश पूजा के लिए चौघड़िया अनुसार शुभ मुहूर्त:

अमृत मुहूर्त: सुबह 07:33 से 09:09 के बीच।

शुभ मुहूर्त: सुबह 10:46 से दोपहर 12:22 के बीच।

शाम की पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 06:48 से 07:55 के बीच।

राहु काल: दोपहर 12:22 से 01:59 के बीच। इस समय स्थापना और पूजा करने से बचना चाहिए।

  विशेष नोट: गणेश पूजन के लिए वैसे मध्याह्न मुहूर्त सुबह 11:05:15 से 13:39:46 के बीच है, लेकिन इस बीच राहु काल भी रहेगा, इसलिए चौघड़िया मुहूर्त को प्राथमिकता देना उचित रहेगा।

गणेश चतुर्थी 2025 पर बन रहे शुभ योग:Auspicious events are taking place on Ganesh Chaturthi 2025:

ज्योतिषियों के अनुसार, Ganesh Chaturthi गणेश चतुर्थी 2025 पर कई दुर्लभ शुभ योगों का निर्माण हो रहा है:

शुभ योग: इस योग का संयोग दोपहर तक रहेगा।

शुक्ल योग: यह योग 28 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगा।

सर्वार्थ सिद्धि योग: शुक्ल योग के बाद सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। Ganesh Chaturthi गणेश चतुर्थी तिथि पर यह योग सुबह 06 बजकर 04 मिनट पर निर्मित होगा।

भद्रावास योग: इस योग का समापन दोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर होगा।

27 अगस्त 2025 का पंचांग विवरण:

सूर्योदय: सुबह 06 बजकर 28 मिनट पर।

सूर्यास्त: शाम 06 बजकर 14 मिनट पर।

चंद्रोदय: सुबह 08 बजकर 52 मिनट पर।

चंद्रास्त: शाम 08 बजकर 28 मिनट पर।

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 03 बजकर 58 मिनट से 04 बजकर 43 मिनट तक।

विजय मुहूर्त: दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से 02 बजकर 49 मिनट तक।

गोधूलि मुहूर्त: शाम 06 बजकर 14 मिनट से 06 बजकर 36 मिनट तक।

निशिता मुहूर्त: रात 11 बजकर 28 मिनट से 12 बजकर 13 मिनट तक।

Auspicious entry and establishment method of Ganpati ji in the house:गणपति जी का घर में मंगल प्रवेश और स्थापना विधि:

गणपति बप्पा को प्रसन्न करने और जीवन में मंगल लाने के लिए उनका घर में विधि-विधान से मंगल प्रवेश करवाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

1. स्थान की तैयारी:

    श्री गणेश जी के आगमन से पहले घर-द्वार और मंदिर को अच्छी तरह सजाएं।

    जिस स्थान पर गणेश जी को स्थापित करना है, उस जगह की साफ-सफाई करें।

    उस स्थान पर कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं और हल्दी से चार बिंदियां बनाएं।

     एक मुट्ठी अक्षत (चावल) रखें और उस पर एक छोटा बाजोट, चौकी या लकड़ी का पाट रखकर उस पर पीला, लाल या केसरिया वस्त्र बिछाएं।

    पूजा और आरती का सारा सामान पहले से ही खरीद कर तैयार रखें।

Prayagraj Magh Mela 2026: माघ मेला प्रयागराज कल्पवास क्यों है मोक्षदायी? जानिए पौराणिक रहस्य Magh Mela 2026

Prayagraj Magh Mela 2026: माघ मेला प्रयागराज कल्पवास क्यों है मोक्षदायी? जानिए पौराणिक रहस्य

Prayagraj Magh Mela 2026 Start And End Date: तीर्थराज प्रयाग में संगम के पावन तट पर आयोजित होने वाला माघ…

Paush Vinayak Chaturthi 2025: साल की अंतिम विनायक चतुर्थी पर बना है शुभ संयोग, जानें तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि Vinayak Chaturthi

Paush Vinayak Chaturthi 2025: साल की अंतिम विनायक चतुर्थी पर बना है शुभ संयोग, जानें तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि

Paush Vinayak Chaturthi 2025 Mein Kab Hai: पौष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के रूप में…

Magh Mela 2026 Detes: प्रयागराज माघ मेला की महत्वपूर्ण तिथियां, स्नान मुहूर्त और धार्मिक महत्व.. Magh Mela 2026

Magh Mela 2026 Detes: प्रयागराज माघ मेला की महत्वपूर्ण तिथियां, स्नान मुहूर्त और धार्मिक महत्व..

Magh Mela 2026 Mein Kab Hai : हिंदू धर्म में माघ मेले का विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है, जिसे…

2. मूर्ति खरीदने के लिए प्रस्थान:

     बाजार जाने से पहले नवीन वस्त्र धारण करें, सिर पर टोपी या साफा बांधें और रुमाल भी रखें।

     पीतल या तांबे की थाली साथ ले जाएं, या फिर लकड़ी का पाट ले जाएं जिस पर गणेश जी को बैठाकर घर लाना है।

     घंटी और मंजीरा भी साथ ले जाएं।

3. गणेश प्रतिमा का चयन:

     मूर्ति खरीदते समय ध्यान रखें कि गणेश जी की प्रतिमा बैठी हुई हो।

    उनके साथ उनका वाहन चूहा और रिद्धि-सिद्धि भी होनी चाहिए।

     प्रतिमा सफेद या सिंदूरी रंग की हो।

    सूंड बाईं ओर मुड़ी हुई हो।

     गणेश जी पितांबर या लाल परिधान पहने हुए हों और उनके हाथ में लड्डू का थाल हो। इन बातों का ध्यान रखते हुए ही मूर्ति खरीदना उचित रहता है।

    बाजार में गणेश जी की जो भी मूर्ति पसंद आए, उसका मोलभाव न करें। उन्हें आगमन के लिए निमंत्रित करके दक्षिणा दे दें।

4. घर में मंगल प्रवेश

     गणेश जी की प्रतिमा को धूमधाम से घर के द्वार पर लाएं।

    द्वार पर ही उनकी आरती उतारें।

     यदि याद हों तो मंगल गीत गाएं या शुभ मंत्रों का उच्चारण करें।

  इसके बाद “गणपति बप्पा मोरया!” के नारे लगाते हुए उन्हें घर के अंदर ले आएं और Ganesh Chaturthi प्रसन्नचित्त होकर पहले से तैयार किए गए स्थान पर विराजित कर दें।

गणेश चतुर्थी की पूजा विधि:Worship method of Ganesh Chaturthi

मंगल प्रवेश के बाद, विधिवत तरीके से भगवान गणेश की पूजा और आरती करें।

भक्तजन अपने घरों पर गणपति बप्पा की प्रतिमा स्थापित कर उनकी पूजा एवं आरती करते हैं।

पूजा में धूप, दीप, फूल, फल, मोदक या लड्डू आदि अर्पित करें।

इस तरह से Ganesh Chaturthi गणेश जी का मंगल प्रवेश और स्थापना करने से जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *