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  • Create Date November 2, 2023
  • Last Updated November 2, 2023

विवेक चूड़ामणि एक संस्कृत ग्रन्थ है जिसकी रचना आदि शंकराचार्य ने की थी। यह ग्रन्थ अद्वैत वेदांत के सिद्धांतों का एक संक्षिप्त और सुव्यवस्थित प्रस्तुतीकरण है।

विवेक चूड़ामणि में, शंकराचार्य ब्रह्म और आत्मा की एकता का सिद्धांत प्रस्तुत करते हैं। वे कहते हैं कि ब्रह्म ही एकमात्र वास्तविकता है, और आत्मा ब्रह्म का ही एक अंश है। अज्ञान के कारण आत्मा को ब्रह्म से अलग महसूस होता है, लेकिन ज्ञान के माध्यम से आत्मा अपनी एकता को अनुभव कर सकती है।

विवेक चूड़ामणि 581 श्लोकों का एक छोटा सा ग्रन्थ है, लेकिन यह अद्वैत वेदांत के सिद्धांतों को स्पष्ट और संक्षिप्त रूप से प्रस्तुत करता है। यह ग्रन्थ वेदांत दर्शन के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ है।

विवेक चूड़ामणि के कुछ प्रमुख विषय हैं:

Vivek chudamani

  • ब्रह्म: ब्रह्म को एकमात्र वास्तविकता के रूप में परिभाषित किया गया है। यह अजन्मा, अविनाशी, सर्वव्यापी और सर्वशक्तिमान है।
  • आत्मा: आत्मा को ब्रह्म का ही एक अंश के रूप में परिभाषित किया गया है। यह अमर है, लेकिन इसे अज्ञान के कारण दुखों का अनुभव होता है।
  • मोक्ष: मोक्ष को ब्रह्म के साथ अपनी एकता को अनुभव करने के रूप में परिभाषित किया गया है। यह दुख से मुक्ति का मार्ग है।
  • ज्ञान: ज्ञान मोक्ष प्राप्त करने का मार्ग है। यह ब्रह्म के ज्ञान के माध्यम से प्राप्त किया जाता है।

विवेक चूड़ामणि के कुछ प्रमुख उप-विषय हैं:

  • अज्ञान: अज्ञान ही दुख का कारण है।
  • कर्म: कर्म ही दुख का कारण है।
  • भक्ति: भक्ति मोक्ष प्राप्त करने का एक मार्ग है।

विवेक चूड़ामणि एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ है जो अद्वैत वेदांत के सिद्धांतों को समझने के लिए एक आवश्यक मार्गदर्शक है। यह एक ऐसा ग्रन्थ है जो हमें जीवन के कई महत्वपूर्ण मूल्यों के बारे में सिखाता है, और यह आज भी प्रासंगिक है।

विवेक चूड़ामणि के कुछ प्रसिद्ध श्लोक हैं:

  • ब्रह्म सत्यम, जगत् मिथ्या, जीवो ब्रह्मैव नापरः (ब्रह्म सत्य है, जगत् मिथ्या है, जीव ब्रह्म ही है, दूसरा कुछ भी नहीं है।)
  • अद्वैतम् ब्रह्म सदगुरुवद्‌वाक्यात्तत्त्वं द्रष्टव्यम् (अद्वैत ब्रह्म को सदगुरु के वचनों से ही जाना जाना चाहिए।)
  • ज्ञानेनात्मानं द्रष्टव्यं नान्यथेति निश्चयः (ज्ञान के द्वारा ही आत्मा को देखा जाना चाहिए, अन्यथा नहीं।)

विवेक चूड़ामणि एक गहन और जटिल ग्रन्थ है। इसे समझने के लिए गहन अध्ययन और ध्यान की आवश्यकता होती है। यह एक ऐसा ग्रन्थ है जो हमें जीवन के कई महत्वपूर्ण मूल्यों के बारे में सिखाता है, और यह आज भी प्रासंगिक है।

Vivek chudamani

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