• Version
  • Download 163
  • File Size 0.00 KB
  • File Count 1
  • Create Date October 3, 2023
  • Last Updated October 3, 2023

हनुमादसत्तरसातनामावली १ एक संस्कृत श्लोक है जो हनुमान जी की स्तुति करता है। यह श्लोक गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित है, जो रामायण के लेखक भी हैं।

श्लोक का अर्थ इस प्रकार है:

हे हनुमान, आप भगवान राम के परम भक्त हैं। आप भगवान राम की भक्ति में लीन हैं। आप भगवान राम के कार्यों में हमेशा तत्पर हैं। आप भगवान राम के भक्तों के लिए आदर्श हैं।

श्लोक में हनुमान जी को भगवान राम के परम भक्त के रूप में वर्णित किया गया है। श्लोक में यह भी कहा गया है कि हनुमान जी भगवान राम की भक्ति में लीन हैं। श्लोक में यह भी कहा गया है कि हनुमान जी भगवान राम के कार्यों में हमेशा तत्पर हैं।

श्लोक के अंत में, हनुमान जी को भगवान राम के भक्तों के लिए आदर्श के रूप में वर्णित किया गया है।

श्लोक का पाठ इस प्रकार है:

परमभक्त हनुमान नमो नमः। रामभक्तिनिरताः रामकार्ये तत्परः। रामभक्तानां आदर्शः हनुमान नमो नमः।

श्लोक का अनुवाद इस प्रकार है:

हे हनुमान, जो भगवान राम के परम भक्त हैं, मैं उसको नमस्कार करता हूं। वह भगवान राम की भक्ति में निमग्न है और हमेशा भगवान राम के कार्यों के लिए तत्पर रहता है। वह भगवान राम के भक्तों के लिए आदर्श हैं। मैं उसको नमस्कार करता हूं।

यह श्लोक हनुमान जी की भक्ति और उनकी भगवान राम के प्रति समर्पण को दर्शाता है। यह श्लोक भक्तों को हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।


Download

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *