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- Create Date October 3, 2023
- Last Updated October 3, 2023
सुंदरसत्व एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान राम के गुणों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र तुलसीदास द्वारा रचित है, जो रामायण के लेखक भी हैं।
स्तोत्र का अर्थ इस प्रकार है:
हे भगवान राम, आप अत्यंत सुंदर हैं। आपका रूप सभी को मोहित करता है। आपके पास सभी गुण हैं। आप सभी के लिए आदर्श हैं।
आपके मुख में मीठी वाणी है। आपकी आंखों में प्रेम है। आपका हृदय दयालु है। आप सभी जीवों के लिए दयालु हैं।
आप ज्ञानी हैं। आप वीर हैं। आप दयालु हैं। आप न्यायप्रिय हैं। आप सभी के लिए मार्गदर्शक हैं।
आपने राक्षसों का वध किया। आपने धर्म की रक्षा की। आपने सभी को सुख दिया। आप सभी के लिए आशीर्वाद हैं।
मैं आपके चरणों में अपना सिर रखता हूं और आपसे प्रार्थना करता हूं कि आप मुझे अपनी कृपा प्रदान करें। आप मुझे सभी बुराइयों से बचाएं और मुझे सभी सुख प्रदान करें।
स्तोत्र का पाठ इस प्रकार है:
**सुंदरसत्व सुंदर रूप धरे, राम भक्त हितकारी। **सुर नर मुनि जन सबहीं, राम रूप में ध्यावे। **मधुर वाणी मुख में, प्रेम नेत्र नयन। **दयालु हृदय भरा, सब जीवों के प्राण। **ज्ञानी वीर नीतिवान, धर्म की रक्षाकारी। **दयालु न्यायप्रिय, जन जन के आधारी। **राक्षसों का संहारे, धर्म की रक्षा की। सबको सुख प्रदान करे, राम कृपा से करी।
स्तोत्र का अनुवाद इस प्रकार है:
हे भगवान राम, आप अत्यंत सुंदर हैं। आपका रूप सभी को मोहित करता है। आपके पास सभी गुण हैं। आप सभी के लिए आदर्श हैं।
आपके मुख में मीठी वाणी है। आपकी आंखों में प्रेम है। आपका हृदय दयालु है। आप सभी जीवों के लिए दयालु हैं।
आप ज्ञानी हैं। आप वीर हैं। आप दयालु हैं। आप न्यायप्रिय हैं। आप सभी के लिए मार्गदर्शक हैं।
आपने राक्षसों का वध किया। आपने धर्म की रक्षा की। आपने सभी को सुख दिया। आप सभी के लिए आशीर्वाद हैं।
मैं आपके चरणों में अपना सिर रखता हूं और आपसे प्रार्थना करता हूं कि आप मुझे अपनी कृपा प्रदान करें। आप मुझे सभी बुराइयों से बचाएं और मुझे सभी सुख प्रदान करें।
स्तोत्र का महत्व:
- यह स्तोत्र भगवान राम के गुणों और उनके आदर्श जीवन का वर्णन करता है।
- यह स्तोत्र भक्तों को भगवान राम की भक्ति के लिए प्रेरित करता है।
- यह स्तोत्र भक्तों को आध्यात्मिक विकास में मदद कर सकता है।
स्तोत्र के प्रमुख बिंदु:
- भगवान राम अत्यंत सुंदर हैं।
- उनके पास सभी गुण हैं।
- वे सभी के लिए आदर्श हैं।
- वे ज्ञानी हैं।
- वे वीर हैं।
- वे दयालु हैं।
- वे न्यायप्रिय हैं।
- वे सभी के लिए मार्गदर्शक हैं।
स्तोत्र के भावार्थ:
हे भगवान राम, आपके रूप को देखकर सभी मोहित हो जाते हैं। आपके मुख में मीठी वाणी है। आपकी आंखों में प्रेम है। आपका हृदय दयालु है। आप सभी जीवों के लिए दयालु हैं।
आप ज्ञानी हैं। आप वीर हैं। आप दयालु हैं। आप न्यायप्रिय हैं। आप सभी के लिए मार्गदर्शक हैं।
आपने राक्षसों का वध करके धर्म की रक्षा की। आपने सभी को सुख दिया। आप सभी के लिए आशीर्वाद हैं।
मैं आपके चरणों में अपना सिर रखता हूं और आपसे प्रार्थना करता हूं कि आप मुझे अपनी कृपा प्रदान करें। आप मुझे सभी बुराइयों से बचाएं और मुझे सभी सुख प्रदान करें।
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