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- Create Date October 4, 2023
- Last Updated October 4, 2023
सप्तमुखी हनुमत्कवच एक शक्तिशाली कवच है जो भगवान हनुमान की सात दिशाओं वाली छवि का वर्णन करता है। यह कवच पाठकों को सभी प्रकार के बुरे प्रभावों से बचाने का वादा करता है, जिसमें भूत, प्रेत, राक्षस, और नकारात्मक ऊर्जा शामिल हैं।
सप्तमुखी हनुमत्कवच के सात चेहरे हैं:
- पूर्व दिशा में: भगवान हनुमान का चेहरा, जो ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक है।
- पश्चिम दिशा में: भगवान गरुड़ का चेहरा, जो शक्ति और साहस का प्रतीक है।
- उत्तर दिशा में: भगवान नंदी का चेहरा, जो समृद्धि और धन का प्रतीक है।
- दक्षिण दिशा में: भगवान वराह का चेहरा, जो सुरक्षा और सुरक्षा का प्रतीक है।
- ऊपर की ओर: भगवान सिंह का चेहरा, जो पराक्रम और वीरता का प्रतीक है।
- नीचे की ओर: भगवान गणेश का चेहरा, जो बुद्धि और ज्ञान का प्रतीक है।
सप्तमुखी हनुमत्कवच का पाठ करने से पहले, पाठक को स्नान करके और खुद को पवित्र करके तैयार करना चाहिए। फिर, पाठक को एक लाल आसन पर बैठकर, पंचमुखी हनुमान की तस्वीर या मूर्ति के सामने बैठना चाहिए। पाठक को ध्यान से और धीरे-धीरे कवच का पाठ करना चाहिए।
सप्तमुखी हनुमत्कवच का पाठ करने से निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं:
- सभी प्रकार के बुरे प्रभावों से सुरक्षा
- ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि
- शक्ति और साहस में वृद्धि
- समृद्धि और धन में वृद्धि
- सुरक्षा और सुरक्षा
- पराक्रम और वीरता में वृद्धि
- बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि
सप्तमुखी हनुमत्कवच एक शक्तिशाली कवच है जो पाठकों को आध्यात्मिक और भौतिक दोनों स्तरों पर लाभ प्रदान कर सकता है।
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