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- Create Date October 6, 2023
- Last Updated October 6, 2023
श्रीहनुमद्ष्टोत्तराशतनामावली एक संस्कृत स्तोत्र है जो हनुमान जी की 108 नामों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र प्राचीन काल से ही हनुमान जी के भक्तों द्वारा पढ़ा और पूजा जाता है।
श्रीहनुमद्ष्टोत्तराशतनामावली के अनुसार, हनुमान जी एक महान योद्धा, एक महान भक्त, और एक महान शक्ति के स्वामी हैं। वे सभी भक्तों की रक्षा करते हैं और उन्हें सभी कष्टों से मुक्त करते हैं।
श्रीहनुमद्ष्टोत्तराशतनामावली के कुछ प्रमुख श्लोक इस प्रकार हैं:
- "अंजनीसुतः पवनपुत्रः मारुतिः हनुमान्।
- बजरंगबली महाबलः श्रीरामदूतः सदाशिवः।
- सर्वशक्तिमानः सर्वज्ञः सर्वेश्वरः सर्वाधारः।
- सर्वदुष्टभयविनाशः सर्वकामप्रदः भव।
अर्थ:
- अंजनी के पुत्र, पवन के पुत्र, मारुति, हनुमान।
- बजरंगबली, महाबल, श्रीराम के दूत, सदाशिव।
- सभी शक्तियों के स्वामी, सर्वज्ञ, सर्वेश्वर, सर्वाधार।
- सभी दुष्टों का भय दूर करने वाले, सभी कामनाओं को देने वाले, कृपा करो।
श्रीहनुमद्ष्टोत्तराशतनामावली एक बहुत ही शक्तिशाली स्तोत्र है। इसका पाठ करने से भक्तों को हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। यह स्तोत्र भक्तों को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्त करता है और उन्हें सुख और समृद्धि प्रदान करता है।
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