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- Create Date October 4, 2023
- Last Updated October 4, 2023
श्रीहनुमत् पंचरत्न एक प्राचीन ग्रंथ है जो भगवान हनुमान के बारे में है। इस ग्रंथ में भगवान हनुमान के पांच मंत्र दिए गए हैं। इन मंत्रों का नियमित रूप से जाप करने से भक्तों को भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है।
श्रीहनुमत् पंचरत्न में दिए गए पांच मंत्र निम्नलिखित हैं:
- श्री हनुमान गायत्री मंत्र:
ॐ नमो भगवते दक्षिणमुखाय,
अष्टसिद्धि नवानिधि,
वज्रदेहाय महावीराय,
रामदूताय हनुमते नमः।
- श्री हनुमान अष्ट सिद्धि मंत्र:
ॐ हनुमते नमः। ॐ ह्रीं हनुमते नमः। ॐ ह्रीं ह्रीं हनुमते नमः। ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमते नमः। ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमते नमः। ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमते नमः।
- श्री हनुमान नवानिधि मंत्र:
ॐ हनुमते नमः। ॐ ह्रीं हनुमते नमः। ॐ ह्रीं ह्रीं हनुमते नमः। ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमते नमः। ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमते नमः। ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमते नमः। ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमते नमः।
- श्री हनुमान संकटमोचन मंत्र:
ॐ हनुमान जय हनुमान,
जपते सुख होत अपार।
संकट से तुम छुड़ाओ,
महावीर तू वीर॥
- श्री हनुमान चालीसा:
श्रीगुरु चरण सरोज रज,
निज मन मुकुर सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु,
जो दायकु फल चारि॥
बुद्धिहीन तनु जानिके,
सुमिरौं पवन कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि,
हनुमान तव सुमिरन॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर,
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर।
राम दूत अतुलित बलधामा,
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥
महावीर विक्रम बजरंगी,
कुमति निवार सुमति के संगी।
कृपा करहु गुरुदेव की,
ज्ञान बुद्धि दो हमको दे॥
राम चरण में ध्यान लगाए,
जपहु हनुमान चालीसा।
तेहि पर राम कृपा भारी,
होए सिद्धि सकल अमराई॥
चारों जुग परताप तुम्हारा,
है परम शक्ति धामा।
तुम सम कोउ नहीं जगत में,
तुम हो एक राम दूता॥
राम लखन सीता सहित,
हृदय बसहु सुर भूपा।
जनम जनम के दुख हरहु,
दो सुख शांति की डुबकी॥
श्री हनुमान जी की जय॥
श्रीहनुमत् पंचरत्न एक शक्तिशाली ग्रंथ है जो भक्तों को भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
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