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- Create Date October 10, 2023
- Last Updated July 29, 2024
श्रीस्वामिनीस्तोत्रम् एक मराठी भक्ति स्तोत्र है जो श्री स्वामी समर्थ, एक प्रसिद्ध मराठी संत के लिए समर्पित है। यह स्तोत्र 10 श्लोकों में लिखा गया है, और प्रत्येक श्लोक में श्री स्वामी समर्थ की एक अलग विशेषता या गुण का वर्णन किया गया है।
श्रीस्वामिनीस्तोत्रम् का पहला श्लोक इस प्रकार है:
श्री स्वामी समर्थ, जय जय स्वामी समर्थ तुम ही हो सच्चे भगवान, तुम ही हो सच्चे सद्गुरु तुम ही हो सर्वव्यापी, तुम ही हो सर्वशक्तिमान तुम ही हो सर्वहितैषी, तुम ही हो सर्वज्ञ
इस श्लोक में, भक्त श्री स्वामी समर्थ को सच्चे भगवान और सच्चे सद्गुरु कहते हैं। वे कहते हैं कि श्री स्वामी समर्थ सर्वव्यापी, सर्वशक्तिमान और सर्वहितैषी हैं। वे श्री स्वामी समर्थ को सर्वज्ञ भी कहते हैं।
श्रीस्वामिनीस्तोत्रम् एक शक्तिशाली भक्ति स्तोत्र है जो भक्तों के दिलों में श्री स्वामी समर्थ के लिए प्रेम और भक्ति को जगा सकता है। यह स्तोत्र भक्तों को श्री स्वामी समर्थ की कृपा पाने और उनके मार्गदर्शन का पालन करने के लिए प्रेरित कर सकता है।
श्रीस्वामिनीस्तोत्रम् की रचना 19वीं शताब्दी के मराठी संत और कवि सदाशिव महाराज दास ने की थी। यह स्तोत्र श्री स्वामी समर्थ के भक्तों द्वारा अक्सर गाया और पढ़ा जाता है।
यहां श्रीस्वामिनीस्तोत्रम् के सभी 10 श्लोक दिए गए हैं:
श्री स्वामी समर्थ, जय जय स्वामी समर्थ तुम ही हो सच्चे भगवान, तुम ही हो सच्चे सद्गुरु तुम ही हो सर्वव्यापी, तुम ही हो सर्वशक्तिमान तुम ही हो सर्वहितैषी, तुम ही हो सर्वज्ञ
श्री स्वामी समर्थ, जय जय स्वामी समर्थ तुम ही हो सबके मालिक, तुम ही हो सबके स्वामी तुम ही हो सबके सारथी, तुम ही हो सबके गुरु तुम ही हो सबके रक्षक, तुम ही हो सबके सहायक
श्री स्वामी समर्थ, जय जय स्वामी समर्थ तुम ही हो सबके पिता, तुम ही हो सबके माता तुम ही हो सबके वरदानी, तुम ही हो सबके परमेशवर तुम ही हो सबके उद्धारक, तुम ही हो सबके त्राता
श्री स्वामी समर्थ, जय जय स्वामी समर्थ तुम ही हो सबके ज्योति, तुम ही हो सबके ज्ञान तुम ही हो सबके भक्ति, तुम ही हो सबके ध्यान तुम ही हो सबके साधन, तुम ही हो सबके सागर
श्री स्वामी समर्थ, जय जय स्वामी समर्थ तुम ही हो सबके भक्त, तुम ही हो सबके प्रिय तुम ही हो सबके हितैषी, तुम ही हो सबके सखा तुम ही हो सबके गुरु, तुम ही हो सबके नाथ
श्री स्वामी समर्थ, जय जय स्वामी समर्थ तुम ही हो सबके देवता, तुम ही हो सबके भगवान तुम ही हो सबके रक्षक, तुम ही हो सबके सहायक तुम ही हो सबके सारथी, तुम ही हो सबके गुरु
श्री स्वामी समर्थ, जय जय स्वामी समर्थ तुम ही हो सबके प्रिय, तुम ही हो सबके प्यारे तुम ही हो सबके स्वामी, तुम ही हो सबके नाथ तुम ही हो सबके पालनहार, तुम ही हो सबके रक्षक
श्री स्वामी समर्थ, जय जय स्वामी समर्थ तुम ही हो सबके कष्ट हरने वाले, तुम ही हो सबके दुःख दूर करने वाले तुम ही हो सबके संकटमोचक, तुम ही हो सबके उद्धारक
श्री स्वामी समर्थ, जय जय स्वामी समर्थ तुम ही हो सबकी मनोकामना पूरी करने वाले, तुम ही हो सबकी मुक्ति देने वाले तुम ही हो सबके आराध्य, तुम ही हो सबके प्रियतम
श्री स्वामी समर्थ, जय जय स्वामी समर्थ तुम्हारे दर्शन से ही मोक्ष मिलता है, तुम्हारे नाम से ही पापों का नाश होता है
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