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- Create Date November 10, 2023
- Last Updated July 29, 2024
Shreeshivastotram 10
श्रीशिवस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र आदि शंकराचार्य द्वारा रचित है।
स्तोत्र का हिंदी अनुवाद:
श्लोक 1
"मैं भगवान शिव की स्तुति करता हूं, जो सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी हैं। वे समस्त ब्रह्मांड के स्वामी हैं।"
श्लोक 2
"वे सभी दुखों को दूर करने वाले हैं और सभी इच्छाओं को पूर्ण करने वाले हैं। वे ज्ञान और भक्ति के दाता हैं।"
श्लोक 3
"वे सभी देवताओं और ऋषियों के द्वारा पूजनीय हैं। वे भक्तों के लिए सर्वोच्च आश्रय हैं।"
श्लोक 4
"जो भक्त श्रद्धापूर्वक भगवान शिव की स्तुति करते हैं, वे सभी पापों से मुक्त हो जाते हैं और मोक्ष प्राप्त करते हैं।"
श्लोक 5
"हे भगवान शिव, आप मेरे गुरु, मेरे पिता और मेरे मित्र हैं। मैं आपको अपना सब कुछ अर्पित करता हूं।"
श्लोक 6
"हे भगवान शिव, मुझे अपने भक्तों में शामिल करें और मुझे अपने दर्शन प्रदान करें।"
श्लोक 7
"हे भगवान शिव, आप समस्त ब्रह्मांड के रक्षक हैं। आप मेरे सभी दुखों को दूर करें और मुझे सुख प्रदान करें।"
श्लोक 8
"हे भगवान शिव, आप मेरे जीवन के मार्गदर्शक हैं। मुझे अपने मार्ग पर चलने में सहायता करें।"
श्लोक 9
"हे भगवान शिव, आप मेरे मन, वाणी और शरीर के स्वामी हैं। मुझे अपने वश में रखें और मुझे अपने प्रकाश से प्रकाशित करें।"
श्लोक 10
"हे भगवान शिव, आप सर्वोच्च सत्य और ज्ञान हैं। आप मेरे सभी प्रश्नों का उत्तर दें और मुझे अपने प्रेम से भर दें।"
श्रीशिवस्तोत्रम् एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। यह स्तोत्र सभी भक्तों के लिए उपयोगी है, चाहे उनकी कोई भी धार्मिक मान्यता हो।
स्तोत्र के कुछ महत्वपूर्ण लाभ निम्नलिखित हैं:
- भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।
- पापों से मुक्ति प्राप्त करने में मदद करता है।
- मोक्ष प्राप्त करने में मदद करता है।
- आध्यात्मिक उन्नति में मदद करता है।
स्तोत्र के कुछ महत्वपूर्ण शब्दों का अर्थ निम्नलिखित हैं:
- शिव - भगवान शिव का एक नाम
- आदि शंकराचार्य - एक महान हिंदू संत और दार्शनिक
- स्तवन - स्तुति
- सर्वशक्तिमान - सभी शक्तियों का स्वामी
- सर्वव्यापी - सभी जगह मौजूद
- ब्रह्मांड - संसार
- दुख - पीड़ा
- इच्छा - चाहना
- ज्ञान - बुद्धि
- भक्ति - भगवान की भक्ति
- देवता - देवता
- ऋषि - संत
- पाप - बुरा कर्म
- मोक्ष - मुक्ति
- गुरु - शिक्षक
- दर्शन - दर्शन
- आश्रय - शरण
- भक्त - भगवान का भक्त
- पाप - बुरा कर्म
- मोक्ष - मुक्ति
- गुरु - शिक्षक
- दर्शन - दर्शन
- मार्गदर्शक - नेता
श्रीशिवस्तोत्रम् का पाठ करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। यह स्तोत्र सभी भक्तों के लिए उपयोगी है, चाहे उनकी कोई भी धार्मिक मान्यता हो।
श्रीसोमेश्वरपञ्चकस्तोत्रम् Shree someshvar panchakan stotram
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