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- Create Date October 4, 2023
- Last Updated October 4, 2023
श्रीरुद्रचण्डी कवचम् एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो देवी चण्डिका की रक्षा प्रदान करता है। यह स्तोत्र शिव और पार्वती के पुत्र कार्तिकेय द्वारा भगवान शिव से प्राप्त किया गया था। स्तोत्र में, कार्तिकेय भगवान शिव से देवी चण्डिका की एक कवच की मांग करते हैं जो उन्हें सभी बुराईयों से बचाए। भगवान शिव उनकी प्रार्थना सुनते हैं और उन्हें एक शक्तिशाली कवच प्रदान करते हैं।
श्रीरुद्रचण्डी कवचम् में 108 श्लोक हैं। स्तोत्र की शुरुआत में, कार्तिकेय भगवान शिव से देवी चण्डिका की कवच की मांग करते हैं। भगवान शिव उनकी प्रार्थना सुनते हैं और उन्हें एक शक्तिशाली कवच प्रदान करते हैं। कवच में देवी चण्डिका के विभिन्न रूपों का वर्णन है जो साधक की रक्षा करते हैं।
श्रीरुद्रचण्डी कवचम् का पाठ करने से साधक को कई लाभ होते हैं। यह स्तोत्र साधक को सभी बुराईयों से बचाता है, उसे आध्यात्मिक सिद्धि प्रदान करता है, और उसे लंबी और सुखी जीवन देता है।
श्रीरुद्रचण्डी कवचम् का पाठ करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:
- सबसे पहले, एक साफ और पवित्र स्थान पर बैठें।
- फिर, एक दीपक जलाएं और देवी चण्डिका की पूजा करें।
- अब, श्रीरुद्रचण्डी कवचम् का पाठ करें।
- स्तोत्र का पाठ करते समय, देवी चण्डिका पर ध्यान केंद्रित करें।
- स्तोत्र का पाठ करने के बाद, देवी चण्डिका से आशीर्वाद मांगें।
श्रीरुद्रचण्डी कवचम् का पाठ करने से पहले, किसी योग्य गुरु से निर्देश लेना उचित
है।
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