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- Create Date October 12, 2023
- Last Updated July 29, 2024
श्रीरामraghavastotram एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान राम और भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 17वीं शताब्दी के संत और कवि श्री रामभद्राचार्य द्वारा रचित है। स्तोत्र में, श्री रामभद्राचार्य भगवान राम को सभी देवताओं के स्वामी, सभी प्राणियों के रक्षक और सभी पापों का नाश करने वाला कहते हैं। वे भगवान कृष्ण को सभी देवताओं का रूप, सभी प्राणियों के रक्षक और सभी पापों का नाश करने वाला भी कहते हैं।
स्तोत्र का हिंदी अनुवाद इस प्रकार है:
श्लोक 1:
हे राम, तुम सभी देवताओं के स्वामी हो, सभी प्राणियों के रक्षक हो, और सभी पापों का नाश करने वाले हो। तुम समस्त ज्ञान और शक्ति के स्रोत हो। तुम सर्वव्यापी हो, और तुम्हारे चरणों में सभी भक्तों का विश्राम है।
श्लोक 2:
हे कृष्ण, तुम सभी देवताओं का रूप हो, सभी प्राणियों के रक्षक हो, और सभी पापों का नाश करने वाले हो। तुम समस्त ज्ञान और शक्ति के स्रोत हो। तुम सर्वव्यापी हो, और तुम्हारे चरणों में सभी भक्तों का विश्राम है।
श्लोक 3:
हे राम, तुम मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में अवतार लिया, और तुमने सभी प्राणियों को धर्म का मार्ग दिखाया। तुमने सभी को सुख और शांति प्रदान की।
श्लोक 4:
हे कृष्ण, तुम गोकुल में जन्मे, और तुमने सभी को प्रेम और करुणा का मार्ग दिखाया। तुमने सभी को अपने जीवन में अच्छाई और सद्कर्म करने के लिए प्रेरित किया।
श्लोक 5:
हे राम, तुमने रावण का वध किया, और तुमने सीता को रावण के चंगुल से मुक्त किया। तुमने सभी प्राणियों को न्याय और धर्म का पालन करना सिखाया।
श्लोक 6:
हे कृष्ण, तुमने कंस का वध किया, और तुमने सभी प्राणियों को अत्याचार से मुक्त किया। तुमने सभी को करुणा और दया का मार्ग दिखाया।
श्लोक 7:
हे राम, तुम सभी भक्तों के लिए एक आश्रय हो। तुमने हमेशा अपने भक्तों की रक्षा की है, और तुमने हमेशा उन्हें सुख और शांति प्रदान की है।
श्लोक 8:
हे कृष्ण, तुम सभी भक्तों के लिए एक आश्रय हो। तुमने हमेशा अपने भक्तों की रक्षा की है, और तुमने हमेशा उन्हें सुख और शांति प्रदान की है।
श्लोक 9:
हे राम, हम तुम्हारे चरणों में अपना जीवन समर्पित करते हैं। हम तुम्हारी कृपा से मोक्ष प्राप्त करना चाहते हैं।
श्लोक 10:
हे कृष्ण, हम तुम्हारे चरणों में अपना जीवन समर्पित करते हैं। हम तुम्हारी कृपा से मोक्ष प्राप्त करना चाहते हैं।
स्तोत्र का महत्व यह है कि यह भगवान राम और भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र उन भक्तों के लिए प्रेरणा है जो भगवान राम और भगवान कृष्ण की भक्ति में संलग्न हैं।
स्तोत्र के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं:
- भगवान राम और भगवान कृष्ण सभी देवताओं के स्वामी हैं।
- भगवान राम और भगवान कृष्ण सभी प्राणियों के रक्षक हैं।
- भगवान राम और भगवान कृष्ण सभी पापों का नाश करने वाले हैं।
- भगवान राम और भगवान कृष्ण समस्त ज्ञान और शक्ति के स्रोत हैं।
- भगवान राम और भगवान कृष्ण सर्वव्यापी हैं।
- भगवान राम और भगवान कृष्ण सभी भक्तों के लिए एक आश्रय हैं।
श्लोक भक्तों को भगवान राम और भगवान कृष्ण की भक्ति के लिए प्रेरित करता है। यह स्तोत्र बताता है कि भगवान राम और भगवान कृष्ण की भक्ति ही एकमात्र मार्ग है जो मनुष्य को मोक्ष तक पहुंचा सकता है।
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