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- Create Date October 12, 2023
- Last Updated October 12, 2023
श्रीराममंगलशासनं 2 एक संस्कृत श्लोक है जो भगवान राम की महिमा का वर्णन करता है। यह श्लोक 17वीं शताब्दी के संत और कवि श्री रामभद्राचार्य द्वारा रचित है। श्लोक में, श्री रामभद्राचार्य भगवान राम को सभी देवताओं का स्वामी, सभी प्राणियों का रक्षक और सभी पापों का नाश करने वाला कहते हैं। वे भगवान राम को समस्त ज्ञान और शक्ति का स्रोत भी कहते हैं।
श्लोक का हिंदी अनुवाद इस प्रकार है:
हे राम, तुम सभी देवताओं के स्वामी हो, सभी प्राणियों के रक्षक हो, और सभी पापों का नाश करने वाले हो। तुम समस्त ज्ञान और शक्ति के स्रोत हो। तुम सर्वव्यापी हो, और तुम्हारे चरणों में सभी भक्तों का विश्राम है।
श्लोक का अर्थ है कि भगवान राम सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी हैं। वे सभी प्राणियों के कल्याण के लिए हैं। वे सभी ज्ञान और शक्ति के स्रोत हैं। वे सभी भक्तों के लिए एक आश्रय हैं।
श्लोक का महत्व यह है कि यह भगवान राम की महिमा का वर्णन करता है। यह श्लोक उन भक्तों के लिए प्रेरणा है जो भगवान राम की भक्ति में संलग्न हैं।
श्लोक के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं:
- भगवान राम सभी देवताओं के स्वामी हैं।
- भगवान राम सभी प्राणियों के रक्षक हैं।
- भगवान राम सभी पापों का नाश करने वाले हैं।
- भगवान राम समस्त ज्ञान और शक्ति के स्रोत हैं।
- भगवान राम सर्वव्यापी हैं।
- भगवान राम सभी भक्तों के लिए एक आश्रय हैं।
श्लोक का एक और संस्करण इस प्रकार है:
श्रीराममंगलशासनं, रामायणम सुखदायकम्। रामनाम सुफलदायकम्, रामभक्ति सर्वार्थसिद्धिदायकम्।
इस संस्करण का अर्थ है:
भगवान राम का शासन मंगलमय है, रामायण सुखदायक है। रामनाम सुफलदायक है, रामभक्ति सर्वार्थसिद्धिदायक है।
यह संस्करण भगवान राम के शासन, रामायण और रामनाम की महिमा का वर्णन करता है। यह संस्करण भी भगवान राम की भक्ति के महत्व को बताता है।
श्रीराममंगलशासनम एक पवित्र श्लोक है जो भगवान राम की भक्ति के लिए प्रेरणा देता है। यह श्लोक उन भक्तों के लिए भी एक मार्गदर्शक है जो भगवान राम के चरणों में अपना जीवन बिताना चाहते हैं।
श्लोक के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं:
- भगवान राम का शासन मंगलमय है।
- रामायण सुखदायक है।
- रामनाम सुफलदायक है।
- रामभक्ति सर्वार्थसिद्धिदायक है।
श्लोक का अर्थ है कि भगवान राम का शासन सभी के लिए कल्याणकारी है। रामायण पढ़ने से मन को शांति और सुख मिलता है। रामनाम का जाप करने से मन पवित्र होता है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। भगवान राम की भक्ति से सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं।
श्लोक भक्तों को भगवान राम की भक्ति के लिए प्रेरित करता है। यह श्लोक बताता है कि भगवान राम की भक्ति ही एकमात्र मार्ग है जो मनुष्य को मोक्ष तक पहुंचा सकता है।
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