• Version
  • Download 45529
  • File Size 0.00 KB
  • File Count 1
  • Create Date October 14, 2023
  • Last Updated October 14, 2023

श्रीराम मंगलाशासनं एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान राम की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 14वीं शताब्दी के संत और कवि तुलसीदास ने लिखा था।

श्रीराम मंगलाशासनं के 8 श्लोक निम्नलिखित हैं:

श्लोक 1:

जय जय रघुनाथ ! जय जय रघुवीर ! जय जय रघुपति ! जय जय श्रीराम !

अर्थ:

जय हो, जय हो, रघुनाथ ! जय हो, जय हो, रघुवीर ! जय हो, जय हो, रघुपति ! जय हो, जय हो, श्रीराम !

श्लोक 2:

तुम हो अयोध्या के राजा, तुम हो मर्यादा पुरुषोत्तम, तुम हो राम, लक्ष्मण, सीता, तुम हो भक्तों के नाथ।

अर्थ:

तुम हो अयोध्या के राजा, तुम हो मर्यादा पुरुषोत्तम, तुम हो राम, लक्ष्मण, सीता, तुम हो भक्तों के नाथ।

श्लोक 3:

तुम हो सत्यवादी, तुम हो दयालु, तुम हो न्यायप्रिय, तुम हो करुणामय।

अर्थ:

तुम हो सत्यवादी, तुम हो दयालु, तुम हो न्यायप्रिय, तुम हो करुणामय।

श्लोक 4:

तुम हो असुरों के नाशक, तुम हो दुष्टों के दमनकारी, तुम हो धर्म के रक्षक, तुम हो भक्तों के आधार।

अर्थ:

तुम हो असुरों के नाशक, तुम हो दुष्टों के दमनकारी, तुम हो धर्म के रक्षक, तुम हो भक्तों के आधार।

श्लोक 5:

तुम हो गीता के प्रणेता, तुम हो रामायण के नायक, तुम हो भक्तों के आदर्श, तुम हो भक्तों के प्रेरणा।

अर्थ:

तुम हो गीता के प्रणेता, तुम हो रामायण के नायक, तुम हो भक्तों के आदर्श, तुम हो भक्तों के प्रेरणा।

श्लोक 6:

तुम्हारे दर्शन से, भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं, तुम्हारे आशीर्वाद से, भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

अर्थ:

तुम्हारे दर्शन से, भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं, तुम्हारे आशीर्वाद से, भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

श्लोक 7:

हे श्रीराम ! तुम हमारे गुरु हो, तुम हमारे आराध्य हो, तुम्हारी कृपा से, हमारा जीवन सफल हो।

अर्थ:

हे श्रीराम ! तुम हमारे गुरु हो, तुम हमारे आराध्य हो, तुम्हारी कृपा से, हमारा जीवन सफल हो।

श्लोक 8:

जय जय रघुनाथ ! जय जय रघुवीर ! जय जय रघुपति ! जय जय श्रीराम !

अर्थ:

जय हो, जय हो, रघुनाथ ! जय हो, जय हो, रघुवीर ! जय हो, जय हो, रघुपति ! जय हो, जय हो, श्रीराम !

श्रीराम मंगलाशासनं एक बहुत


Download

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *