• Version
  • Download 159
  • File Size 0.00 KB
  • File Count 1
  • Create Date October 16, 2023
  • Last Updated October 16, 2023

श्रीबालकृष्णप्रार्थनाष्टकम् एक संस्कृत स्तुति है जो भगवान कृष्ण के बाल रूप की महिमा का वर्णन करती है। यह स्तुति 14वीं शताब्दी के भक्त कवि, श्री कन्हैयालाल दास द्वारा रचित है।

श्रीबालकृष्णप्रार्थनाष्टकम् में, श्री कन्हैयालाल दास भगवान कृष्ण के बाल रूप की प्रार्थना करते हैं। वे कहते हैं कि भगवान कृष्ण उनके आराध्य हैं, और वे उनकी कृपा से मोक्ष प्राप्त करना चाहते हैं।

श्रीबालकृष्णप्रार्थनाष्टकम् के श्लोक:**

1. हे बालकृष्ण, आप मेरे आराध्य हैं। मैं आपकी कृपा से मोक्ष प्राप्त करना चाहता हूँ, और आपकी चरणों में लीन रहना चाहता हूँ।

2. आपके बाल रूप का वर्णन करना असंभव है। आपके बाल सुहावने और मुलायम हैं, और आपकी आँखें नीलमणि की तरह चमकती हैं।

3. आपके गाल गुलाब की तरह लाल हैं, और आपकी मुस्कान अमृत के समान है। आपके होंठ गुलाब की पंखुड़ियों की तरह कोमल हैं, और आपकी नाक सुंदर और सुडौल है।

4. आपके बाल घने और काले हैं, और आपके बालों में फूलों की माला सुशोभित है। आपके हाथ और पैर सुंदर और सुडौल हैं, और आपके शरीर में एक अद्भुत आकर्षण है।

5. आप हमेशा हँसते रहते हैं, और आपके चेहरे पर एक निरंतर आनंद है। आप सभी जीवों के लिए एक आशीर्वाद हैं, और आप सभी के दिलों में बसते हैं।

6. हे बालकृष्ण, आप ही मेरे भगवान हैं। मैं आपकी कृपा से मोक्ष प्राप्त करूँ, और आपकी चरणों में निवास करूँ।

श्रीबालकृष्णप्रार्थनाष्टकम् के कुछ महत्वपूर्ण श्लोकों का अर्थ:**

  • पहला श्लोक: इस श्लोक में, श्री कन्हैयालाल दास कहते हैं कि भगवान कृष्ण उनके आराध्य हैं, और वे उनकी कृपा से मोक्ष प्राप्त करना चाहते हैं।
  • दूसरा श्लोक: इस श्लोक में, श्री कन्हैयालाल दास भगवान कृष्ण के बाल रूप की सुंदरता का वर्णन करते हैं। वे कहते हैं कि भगवान कृष्ण के बाल सुहावने और मुलायम हैं, और उनकी आँखें नीलमणि की तरह चमकती हैं।
  • तीसरा श्लोक: इस श्लोक में, श्री कन्हैयालाल दास भगवान कृष्ण के बाल रूप की आकर्षण का वर्णन करते हैं। वे कहते हैं कि भगवान कृष्ण के गाल गुलाब की तरह लाल हैं, और उनकी मुस्कान अमृत के समान है।
  • चौथा श्लोक: इस श्लोक में, श्री कन्हैयालाल दास भगवान कृष्ण की करुणा का वर्णन करते हैं। वे कहते हैं कि भगवान कृष्ण हमेशा आनंदित रहते हैं, और उनके चेहरे पर एक निरंतर मुस्कान रहती है।
  • पांचवाँ श्लोक: इस श्लोक में, श्री कन्हैयालाल दास भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन करते हैं। वे कहते हैं कि भगवान कृष्ण ही पूर्ण परमात्मा हैं, और वे सभी जीवों के लिए एक आशीर्वाद हैं।

श्रीबालकृष्णप्रार्थनाष्टकम् एक शक्तिशाली स्तुति है जो भक्तों को भगवान कृष्ण के बाल रूप में निमग्न होने में मदद कर सकती है। यह भक्तों को प्रेम, आनंद और मोक्ष की प्राप्ति में मदद कर सकती है।


Download

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *