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  • Create Date October 10, 2023
  • Last Updated October 10, 2023

श्री पार्वती अष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो देवी पार्वती की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक देवी पार्वती के एक अलग गुण या रूप का वर्णन करता है।

श्री पार्वती अष्टकम् का पहला श्लोक इस प्रकार है:

नमो देवी पार्वती, शंकरप्रियायै। सर्वदेवमनोहारि, नमस्तुभ्यं पद्मजाय।

इस श्लोक में, भक्त देवी पार्वती को नमस्कार करते हैं और उन्हें "शंकरप्रियायै" कहते हैं, जिसका अर्थ है "भगवान शिव की प्रिय"।

श्री पार्वती अष्टकम् के 8 श्लोकों का अर्थ है:

  1. हे देवी पार्वती, आप भगवान शिव की प्रिय हैं। आपको नमस्कार।
  2. आप सभी देवताओं की मनोहारिणी हैं। आपको नमस्कार।
  3. आप कमल के फूल से उत्पन्न हुई हैं। आपको नमस्कार।
  4. आप ज्ञान और विवेक की दाता हैं। आपको नमस्कार।
  5. आप करुणा और दया की मूर्ति हैं। आपको नमस्कार।
  6. आप शक्ति और साहस के प्रतीक हैं। आपको नमस्कार।
  7. आप सौंदर्य और मधुरता की देवी हैं। आपको नमस्कार।
  8. आप मोक्षदाता हैं। आपको नमस्कार।

श्री पार्वती अष्टकम् एक शक्तिशाली भक्ति भजन है जो भक्तों के दिलों में देवी पार्वती के लिए प्रेम और भक्ति को जगा सकता है। यह भजन देवी पार्वती की महिमा और गुणों को भी दर्शाता है।

श्री पार्वती अष्टकम् के 8 श्लोकों का हिंदी अनुवाद इस प्रकार है:

  1. हे देवी पार्वती, आप भगवान शिव की प्रिय हैं। आपको नमस्कार।
  2. आप सभी देवताओं की मनोहारिणी हैं। आपको नमस्कार।
  3. आप कमल के फूल से उत्पन्न हुई हैं। आपको नमस्कार।
  4. आप ज्ञान और विवेक की दाता हैं। आपको नमस्कार।
  5. आप करुणा और दया की मूर्ति हैं। आपको नमस्कार।
  6. आप शक्ति और साहस के प्रतीक हैं। आपको नमस्कार।
  7. आप सौंदर्य और मधुरता की देवी हैं। आपको नमस्कार।
  8. आप मोक्षदाता हैं। आपको नमस्कार।

श्री पार्वती अष्टकम् एक लोकप्रिय स्तोत्र है जिसे अक्सर पूजा और अनुष्ठानों के दौरान पढ़ा जाता है। यह भजन भक्तों को देवी पार्वती की कृपा प्राप्त करने और अपने जीवन में आध्यात्मिक और भौतिक दोनों तरह से सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

यहां श्री पार्वती अष्टकम् का एक उदाहरण है:

नमो देवी पार्वती, शंकरप्रियायै। सर्वदेवमनोहारि, नमस्तुभ्यं पद्मजाय।

इस श्लोक का अर्थ है:

हे देवी पार्वती, आप भगवान शिव की प्रिय हैं। आपको नमस्कार।

यह श्लोक देवी पार्वती और भगवान शिव के प्रेम और मिलन को दर्शाता है।


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