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  • Create Date October 16, 2023
  • Last Updated July 29, 2024

श्रीनित्यानंदद्वादशनामस्तोत्रम् एक वैष्णव स्तोत्र है जो भगवान श्रीनित्यानंद को समर्पित है। यह स्तोत्र में, भगवान श्रीनित्यानंद के बारह नामों की स्तुति की गई है। इन नामों में से प्रत्येक भगवान श्रीनित्यानंद के गुणों और विशेषताओं को दर्शाता है।

श्रीनित्यानंदद्वादशनामस्तोत्रम् की रचना श्री चैतन्य महाप्रभु ने की थी। यह स्तोत्र श्री चैतन्य महाप्रभु और उनके भक्तों द्वारा नियमित रूप से पढ़ा और गाया जाता है।

श्रीनित्यानंदद्वादशनामस्तोत्रम् के बारह नाम निम्नलिखित हैं:

  • नित्य: जो हमेशा मौजूद हैं
  • अनंत: जिनका अंत नहीं है
  • सच्चिदानंद: जो सत्य, ज्ञान और आनंद के स्वरूप हैं
  • परमात्मा: सर्वोच्च आत्मा
  • चैतन्य: चेतना के स्वरूप
  • कृष्ण: भगवान कृष्ण के अवतार
  • भगवान: परमेश्वर
  • गुरु: आध्यात्मिक गुरु
  • प्रभु: स्वामी
  • नारायण: भगवान विष्णु के अवतार
  • परमहंस: सर्वोच्च योगियों

श्रीनित्यानंदद्वादशनामस्तोत्रम् की स्तुति से भगवान श्रीनित्यानंद की कृपा प्राप्त होती है। यह स्तोत्र भक्तों को आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने में मदद करता है।

श्रीनित्यानंदद्वादशनामस्तोत्रम् का पाठ हिंदी में इस प्रकार है:

श्रीनित्यानंदद्वादशनामस्तोत्रम्

नित्यं अनंतं सच्चिदानंदं परमात्म चैतन्य कृष्णं भगवान् गुरु प्रभु नारायणं परमहंसं नित्यनमस्तुभ्यं।

अर्थ:

जो हमेशा मौजूद हैं, जिनका अंत नहीं है, जो सत्य, ज्ञान और आनंद के स्वरूप हैं, सर्वोच्च आत्मा, चेतना के स्वरूप, भगवान कृष्ण के अवतार, परमेश्वर, आध्यात्मिक गुरु, स्वामी, भगवान विष्णु के अवतार, सर्वोच्च योगियों, तुम्हें बार-बार नमन।

श्रीनित्यानंदद्वादशनामस्तोत्रम् का पाठ संस्कृत में इस प्रकार है:

श्रीनित्यानंदद्वादशनामस्तोत्रम्

नित्यं अनंतं सच्चिदानंदं परमात्म चैतन्य कृष्णं भगवान् गुरु प्रभु नारायणं परमहंसं नित्यनमस्तुभ्यं।

अनुवाद:

जो हमेशा मौजूद हैं, जिनका अंत नहीं है, जो सत्य, ज्ञान और आनंद के स्वरूप हैं, सर्वोच्च आत्मा, चेतना के स्वरूप, भगवान कृष्ण के अवतार, परमेश्वर, आध्यात्मिक गुरु, स्वामी, भगवान विष्णु के अवतार, सर्वोच्च योगियों, तुम्हें बार-बार नमन।


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