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  • Create Date November 22, 2023
  • Last Updated November 22, 2023

 Shreegusa injeeleekrtadandakah

श्रीगुसा इंजीलीकृत दण्डक एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण को एक शक्तिशाली योद्धा के रूप में दर्शाता है।

स्तोत्र के प्रारंभ में, भगवान कृष्ण को एक शक्तिशाली योद्धा के रूप में वर्णित किया गया है। उन्हें एक महान धनुर्धर, एक कुशल तलवारबाज और एक दक्ष योद्धा बताया गया है।

स्तोत्र में भगवान कृष्ण के कई युद्धों का उल्लेख किया गया है। उदाहरण के लिए, उन्हें कंस, जरासंध और शिशुपाल जैसे शक्तिशाली योद्धाओं को पराजित करने के लिए जाना जाता है।

स्तोत्र का अंत इस प्रकार है:

इति श्रीगुसा इंजीलीकृत दण्डकं संपूर्णम्

यः पठेत् स एव भवेत् निर्भयः सर्वेश्वरो भवेत् स एव मोक्षवान्

इस प्रकार, यह स्तोत्र भगवान कृष्ण की स्तुति करने का एक शक्तिशाली तरीका है। यह स्तोत्र भक्ति, ज्ञान और मोक्ष प्राप्त करने के लिए भी लाभकारी माना जाता है।

यहां स्तोत्र का हिंदी अनुवाद दिया गया है:

Shreegusa injeeleekrtadandakah

श्रीगुसा इंजीलीकृत दण्डक का अंत

इस प्रकार श्रीगुसा इंजीलीकृत दण्डक पूर्ण हुआ। जो इसे पढ़ता है, वह निर्भय होता है। वह सर्वेश्वर होता है, वह मोक्ष प्राप्त करता है।

श्रीगुसा इंजीलीकृत दण्डक एक भक्तिपूर्ण और प्रेरणादायक स्तोत्र है। यह स्तोत्र कृष्ण के शक्ति और साहस को प्रकट करता है।

स्तोत्र के कुछ प्रमुख छंद निम्नलिखित हैं:

  • **कृष्णं धनुर्धरं वीरं,
  • **कृष्णं तलवारं धारिणं,
  • **कृष्णं दण्डं धारिणं,
  • **कृष्णं शस्त्रसंचारिणं,
  • **कृष्णं कंसवधं कृतं,
  • **कृष्णं जरासंधवधं कृतं,
  • कृष्णं शिशुपालवधं कृतं।

इन छंदों में, कृष्ण को एक शक्तिशाली योद्धा के रूप में वर्णित किया गया है जो कई युद्धों में विजय प्राप्त की है। उन्हें कंस, जरासंध और शिशुपाल जैसे शक्तिशाली योद्धाओं को पराजित करने के लिए जाना जाता है।

श्रीगोपालसहस्रनामस्तोत्रम् Srigopalasahasranamastotram


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