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- Create Date November 7, 2023
- Last Updated November 7, 2023
श्रीकृष्णकथामृतमंगलश्लोक एक संस्कृत श्लोक है जो श्रीमद्भागवत महापुराण के प्रारंभ में आता है। इसे 10वीं शताब्दी के कवि श्रीनारदाचार्य ने लिखा था।
श्लोक का अर्थ है:
shreekrshnakathaamrtamangalashlokah
श्रीकृष्ण की कथा अमृत के समान है, और यह मंगलकारी है। यह सभी पापों को दूर करती है, और मोक्ष प्रदान करती है।
श्लोक का पाठ इस प्रकार है:
श्रीकृष्णकथामृतमंगलश्लोकः
श्रीकृष्णस्य कथामृतं,
मंगलं सर्वलोकेषु।
पपाकापहं सर्वम,
मोक्षप्रदायकं च।।
श्रीकृष्णकथामृतमंगलश्लोक एक शक्तिशाली मंत्र है। इसका पाठ करने से मन को शांति और आनंद मिलता है। यह श्लोक अक्सर मंदिरों और घरों में गाया और पढ़ा जाता है।
श्लोक का महत्व इस प्रकार है:
- यह श्लोक श्रीकृष्ण की महिमा का वर्णन करता है।
- यह श्लोक श्रीकृष्ण की कथा के लाभों का वर्णन करता है।
- यह श्लोक श्रीकृष्ण की कथा को सुनने और पढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
श्रीकृष्ण की कथा एक ऐसी कथा है जो सभी के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन प्रदान करती है। यह कथा हमें जीवन के सत्य और अर्थ को समझने में मदद करती है। श्रीकृष्णकथामृतमंगलश्लोक हमें श्रीकृष्ण की कथा के लाभों का स्मरण दिलाता है, और हमें श्रीकृष्ण की कथा को सुनने और पढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
shreekrshnakathaamrtamangalashlokah
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