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  • Create Date November 9, 2023
  • Last Updated November 9, 2023

 Sri Agastyeshlingashtakam

श्री अगस्त्यशैलाशटकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान अगस्त्य और उनके निवास स्थान अगस्त्यशैल की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 12वीं शताब्दी के तमिल कवि मणीक्कवासिगर द्वारा लिखा गया था। स्तोत्र में, मणीक्कवासिगर अगस्त्य की महिमा का वर्णन करते हैं, और उन्हें एक महान ऋषि और सिद्ध पुरुष के रूप में मानते हैं।

श्री अगस्त्यशैलाशटकम् को अक्सर अगस्त्यशैल की यात्रा के दौरान गाया जाता है। यह स्तोत्र अगस्त्य और अगस्त्यशैल के भक्तों के बीच बहुत लोकप्रिय है।

स्तोत्र के कुछ प्रमुख अंश इस प्रकार हैं:

  • "ओ अगस्त्य, तुम एक महान ऋषि हो, तुम एक सिद्ध पुरुष हो, तुम ज्ञान और सिद्धि के सागर हो।"
  • "तुमने ब्रह्मांड के रहस्यों को समझ लिया है, तुमने मोक्ष की प्राप्ति की है, तुम सभी के लिए एक आदर्श हो।"
  • "तुम अगस्त्यशैल पर निवास करते हो, यह स्थान तुम्हारी दिव्य शक्तियों से ओतप्रोत है, जो सभी को लाभ पहुंचाता है।"

श्री अगस्त्यशैलाशटकम् एक शक्तिशाली और भावपूर्ण स्तोत्र है जो अगस्त्य और अगस्त्यशैल की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र अगस्त्य और अगस्त्यशैल के भक्तों के लिए एक प्रेरणा है।

स्तोत्र का एक अंग्रेजी अनुवाद निम्नलिखित है:

श्री अगस्त्येश्लिंगाष्टकम एक संस्कृत भजन है जो भगवान अगस्त्य और उनके निवास स्थान, अगस्त्येश्लिंग की स्तुति करता है। इसे 12वीं सदी के तमिल कवि मणिकावाचकर ने लिखा था। स्तोत्र में मणिकवाचकर अगस्त्य की महिमा का वर्णन करते हुए उन्हें एक महान ऋषि और सिद्ध मानते हैं।

श्री अगस्त्यलिंगाष्टकम अक्सर अगस्त्यलिंग की तीर्थयात्रा के दौरान गाया जाता है। यह अगस्त्य और अगस्त्यलिंग के भक्तों के बीच एक बहुत लोकप्रिय भजन है।

भजन के कुछ प्रमुख अंश इस प्रकार हैं:

Sri Agastyeshlingashtakam

"हे अगस्त्य, आप एक महान ऋषि हैं, आप सिद्ध हैं, आप ज्ञान और सिद्धि के सागर हैं।"
"आपने ब्रह्मांड के रहस्यों को समझ लिया है, आपने मुक्ति प्राप्त कर ली है, आप सभी के लिए आदर्श हैं।"
"आप अगस्त्यलिंग पर निवास करते हैं, यह स्थान आपकी दिव्य शक्तियों से भरा हुआ है, जो सभी को लाभान्वित करता है।"

श्री अगस्त्यलिंगाष्टकम एक शक्तिशाली और मार्मिक स्तोत्र है जो अगस्त्य और अगस्त्यलिंग की महिमा का वर्णन करता है। यह अगस्त्य और अगस्त्यलिंग के भक्तों के लिए एक प्रेरणा है।

श्री अगस्त्यशैलाशटकम् के कुछ विशेष तत्व इस प्रकार हैं:

  • स्तोत्र में, अगस्त्य को एक महान ऋषि और सिद्ध पुरुष के रूप में चित्रित किया गया है।
  • स्तोत्र में, अगस्त्य को ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने और मोक्ष की प्राप्ति करने वाला बताया गया है।
  • स्तोत्र में, अगस्त्यशैल को अगस्त्य की दिव्य शक्तियों से ओतप्रोत स्थान के रूप में वर्णित किया गया है।

श्री अगस्त्यशैलाशटकम् एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है जो अगस्त्य और अगस्त्यशैल की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र अगस्त्य और अगस्त्यशैल के भक्तों के लिए एक प्रेरणा है।

श्रीकृष्णस्तुतिः shreekrshnastutih


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