[featured_image]
Download
Download is available until [expire_date]
  • Version
  • Download 148
  • File Size 0.00 KB
  • File Count 1
  • Create Date November 6, 2023
  • Last Updated November 6, 2023

शोणाद्रिनाथाष्टकम् Shonadrinathashtakam

Shonadrinathashtakam

श्री शोणाद्रिनाथाष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के शोणाद्रिनाथ रूप की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 8 छंदों में लिखा गया है, और प्रत्येक छंद में शोणाद्रिनाथ के एक विशेष गुण या विशेषता का वर्णन किया गया है।

स्तोत्र इस प्रकार है:

शिवाय रुद्राय शिवार्चिताय महानुभावाय महेश्वराय । सोमाय सूक्ष्माय सुरेश्वराय शोणाद्रिनाथाय नमःशिवाय ॥ १॥

दिक्पालनाथाय विभावनाय चन्द्रार्धचूडाय सनातनाय । संसारदुःखार्णवतारणाय शोणाद्रिनाथाय नमःशिवाय ॥ २॥

जगन्निवासाय जगद्धिताय सेनानिनाथाय जयप्रदाय । पूर्णाय पुण्याय पुरातनाय शोणाद्रिनाथाय नमःशिवाय ॥ ३॥

वागीशवन्द्याय वरप्रदाय उमार्धदेहाय गणेश्वराय । चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय शोणाद्रिनाथाय नमःशिवाय ॥ ४॥

रथाधिरूढाय रसाधराय वेदाश्वयुक्ताय विधिस्तुताय । चन्द्रार्कचक्राय शशिप्रभाय शोणाद्रिनाथाय नमःशिवाय ॥ ५॥

विरिञ्चिसारथ्यविराजिताय गिरीन्द्रचापाय गिरीश्वराय । फालाग्निनेत्राय फणीश्वराय शोणाद्रिनाथाय नमःशिवाय ॥ ६॥

गोविन्दबाणाय गुणत्रयाय विश्वस्य नाथाय वृषध्वजाय । पुरस्य विध्वंसनदीक्षिताय शोणाद्रिनाथाय नमःशिवाय ॥ ७॥

जरादिवर्ज्याय जटाधराय अचिन्त्यरूपाय हरिप्रियाय । भक्तस्य पापौघविनाशनाय शोणाद्रिनाथाय नमःशिवाय ॥ ८॥

स्तुतिं शोणाचलेशस्य पठतां सर्वसिद्धिदम् । सर्वसम्पत्प्रदं पुंसां सेवन्तां सर्वतो जनाः ॥ ९॥

॥ शुभमस्तु॥

Shonadrinathashtakam

अर्थ:

पहला छंद:

हे शिव, आप शोणाद्रिनाथ रूप में विराजमान हैं। आप भगवान शिव के रुद्र रूप हैं। आप महान हैं और आपके भक्तों के लिए अनुग्रहकारी हैं।

दूसरा छंद:

आपके तीन नेत्र हैं, जो त्रिगुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं। आपका त्रिशूल त्रिमूर्ति का प्रतिनिधित्व करता है। आप संसार के दुखों को दूर करने वाले हैं।

तीसरा छंद:

आप सभी लोकों में निवास करते हैं। आप सभी के लिए हितकारी हैं। आप सभी को विजय प्रदान करते हैं।

चौथा छंद:

Shonadrinathashtakam

आप सभी देवताओं के द्वारा वंदित हैं। आप सभी को वरदान देते हैं। आप माता पार्वती के पति हैं। आप सभी को ज्ञान प्रदान करते हैं।

पांचवां छंद:

आप रथ पर विराजमान हैं। आप सभी को आनंद प्रदान करते हैं। आप सभी को त्रिदेवों के रूप में दर्शन देते हैं।

छठा छंद:

आप विष्णु के वाहन गरुड़ पर विराजमान हैं। आप सभी को शक्ति प्रदान करते हैं। आप सभी को मोक्ष प्रदान करते हैं।

सातवां छंद:

आप सभी के लिए एक आदर्श हैं। आप सभी को सही मार्ग पर चलने में प्रेरित करते हैं। आप सभी को भगवान विष्णु के रूप में दर्शन देते हैं।

आठवां छंद:

आप सभी के पापों को नष्ट करते हैं। आप सभी को मोक्ष प्रदान करते हैं।

नौवां छंद:

जो लोग शोणाचलेश की स्तुति करते हैं, उन्हें सभी सिद्धियां प्राप्त होती हैं। वे सभी सुखों से परिपूर्ण होते हैं।

दशवां छंद:

हे शोणाचलेश, मैं आपकी स्तुति करता हूं। मैं आपकी कृपा प्राप्त करना चाहता हूं। कृपया मुझे अपने मार्ग पर चलने में मदद करें।

श्री शोणाद्र

श्रीकण्ठाष्टकम् Srikanthashtakam

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *