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- Create Date November 6, 2023
- Last Updated November 6, 2023
शिवलोचनस्तुतिः Shivalochanastuti:
Shivalochanastuti
शिवलोचनस्तुति एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के नेत्रों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 12 छंदों में लिखा गया है, और प्रत्येक छंद में शिव के नेत्रों के एक विशेष गुण या विशेषता का वर्णन किया गया है।
शिवलोचनस्तुति की रचना अज्ञात है, लेकिन यह माना जाता है कि इसे एक महान भक्त ने लिखा था। शिवलोचनस्तुति का पाठ करने से भक्तों को शिव की कृपा प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। यह स्तोत्र भक्तों को शिव के दिव्य गुणों और शक्तियों को याद रखने और उनकी भक्ति में प्रेरित करने में मदद करता है।
शिवलोचनस्तुति के कुछ महत्वपूर्ण छंद इस प्रकार हैं:
- पहला छंद:
हे शिव, आपके नेत्र ज्ञान और अंतर्दृष्टि के स्रोत हैं। आपके नेत्र सभी प्राणियों को मार्गदर्शन करते हैं।
- दूसरा छंद:
आपके नेत्र करुणा और दया के प्रतीक हैं। आपके नेत्र सभी प्राणियों को संरक्षण प्रदान करते हैं।
- तीसरा छंद:
Shivalochanastuti
आपके नेत्र शक्ति और दृढ़ संकल्प के प्रतीक हैं। आपके नेत्र सभी प्राणियों को सुरक्षा प्रदान करते हैं।
- चौथा छंद:
आपके नेत्र प्रेम और करुणा के प्रतीक हैं। आपके नेत्र सभी प्राणियों को आनंद प्रदान करते हैं।
- पांचवां छंद:
आपके नेत्र ब्रह्मांड के रहस्यों को प्रकट करते हैं। आपके नेत्र सभी प्राणियों को ज्ञान प्रदान करते हैं।
- छठा छंद:
आपके नेत्र मोक्ष के मार्ग को दिखाते हैं। आपके नेत्र सभी प्राणियों को मुक्ति प्रदान करते हैं।
शिवलोचनस्तुति एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भक्तों को शिव की कृपा प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यह स्तोत्र भक्तों को शिव के दिव्य गुणों और शक्तियों को याद रखने और उनकी भक्ति में प्रेरित करने में मदद करता है।