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  • Create Date October 7, 2023
  • Last Updated July 29, 2024

महालक्ष्मी द्वादशनामस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी महालक्ष्मी की स्तुति करता है। यह स्तोत्र बारह श्लोकों का है, और प्रत्येक श्लोक में महालक्ष्मी के एक अलग नाम का उल्लेख किया गया है।

महालक्ष्मी द्वादशनामस्तोत्रम् की रचना 16वीं शताब्दी में हुई थी, और इसका श्रेय संत तुलसीदास को दिया जाता है। यह स्तोत्र महालक्ष्मी के दिव्य गुणों और शक्तियों का वर्णन करता है।

महालक्ष्मी द्वादशनामस्तोत्रम् के श्लोक इस प्रकार हैं:

  1. श्री महालक्ष्म्यै नमः

अर्थ: हे महालक्ष्मी, आपको मेरा नमन है।

  1. श्री विष्णुपत्न्यै नमः

अर्थ: हे विष्णु की पत्नी, आपको मेरा नमन है।

  1. श्री कमललोचनायै नमः

अर्थ: हे कमल के समान नेत्रों वाली, आपको मेरा नमन है।

  1. श्री पद्मनाभयै नमः

अर्थ: हे पद्मनाभ (विष्णु) की पत्नी, आपको मेरा नमन है।

  1. श्री पद्मधारिण्यै नमः

अर्थ: हे कमल को धारण करने वाली, आपको मेरा नमन है।

  1. श्री लक्ष्मीनारायणप्रियायै नमः

अर्थ: हे लक्ष्मी और नारायण (विष्णु) की प्रिय, आपको मेरा नमन है।

  1. श्री त्रिलोक्यवन्द्यायै नमः

अर्थ: हे तीनों लोकों में वंदनीय, आपको मेरा नमन है।

  1. श्री सर्वसिद्धिदायिन्यै नमः

अर्थ: हे सभी सिद्धियों को देने वाली, आपको मेरा नमन है।

  1. श्री सर्वभक्तवत्सलायै नमः

अर्थ: हे सभी भक्तों की प्रिय, आपको मेरा नमन है।

  1. श्री सर्वपापनाशिन्यै नमः

अर्थ: हे सभी पापों को नष्ट करने वाली, आपको मेरा नमन है।

  1. श्री सर्वदुःखहरिण्यै नमः

अर्थ: हे सभी दुखों को हरने वाली, आपको मेरा नमन है।

  1. श्री सर्वसुखदायिन्यै नमः

अर्थ: हे सभी सुखों को देने वाली, आपको मेरा नमन है।

महालक्ष्मी द्वादशनामस्तोत्रम् का पाठ करने से महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, और यह भक्तों को धन, समृद्धि और सौभाग्य प्रदान करता है।


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