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- Create Date November 19, 2023
- Last Updated November 19, 2023
Parayanopanishat
परायणोपनिषद् एक छोटा उपनिषद है जो ऋग्वेद से संबंधित है। यह उपनिषद् केवल 24 श्लोकों का है और इसमें आत्मज्ञान प्राप्ति के लिए परायण की विधि का वर्णन किया गया है।
परायण का अर्थ है आत्म-समर्पण। इस उपनिषद् के अनुसार, आत्मज्ञान प्राप्ति के लिए सबसे पहले आत्म-समर्पण करना आवश्यक है। जब हम अपने आप को ईश्वर को समर्पित कर देते हैं, तो ईश्वर हमें अपना ज्ञान प्रदान करते हैं।
परायणोपनिषद् में आत्म-समर्पण की विधि इस प्रकार बताई गई है:
- सर्वप्रथम, हमें ईश्वर के प्रति प्रेम और भक्ति विकसित करनी चाहिए।
- फिर, हमें ईश्वर को अपना सर्वस्व समर्पित करना चाहिए।
- अंत में, हमें ईश्वर के प्रति पूर्ण निष्ठा और भरोसा रखना चाहिए।
Parayanopanishat
परायणोपनिषद् के अनुसार, जब हम इन तीन बातों का पालन करते हैं, तो हम आत्मज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
परायणोपनिषद् का सार इस प्रकार है:
- आत्मज्ञान प्राप्ति के लिए आत्म-समर्पण आवश्यक है।
- आत्म-समर्पण के लिए प्रेम, भक्ति, समर्पण और निष्ठा आवश्यक है।
परायणोपनिषद् एक शक्तिशाली उपनिषद है जो आत्मज्ञान प्राप्ति के लिए एक सरल और प्रभावी मार्ग प्रदान करता है।
पार्वतीवल्लभनीलकण्ठाष्टकम् Paarvateevallabhaneelakanthaashtakam
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