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- Create Date October 11, 2023
- Last Updated July 29, 2024
त्वमेव ब्रुहि स्तोत्रम भगवान राम को समर्पित एक सुंदर और शक्तिशाली संस्कृत भजन है। इसका श्रेय रामायण के रचयिता महान ऋषि वाल्मिकी को दिया जाता है।
भजन की शुरुआत "त्वमेव ब्रुही" आह्वान से होती है, जिसका अर्थ है "कृपया मुझे बताएं"। यह भगवान राम से भक्त को धर्म और भक्ति के मार्ग पर मार्गदर्शन करने की प्रार्थना है।
इसके बाद भजन में भगवान राम की करुणा, दयालुता, साहस और शक्ति सहित उनके कई गुणों की प्रशंसा की जाती है। इसमें उनके विभिन्न अवतारों और कारनामों का भी वर्णन किया गया है, जैसे रामायण में रावण पर उनकी जीत।
त्वमेव ब्रुही स्तोत्रम हिंदुओं के बीच एक बहुत लोकप्रिय भजन है, और इसे अक्सर धार्मिक समारोहों और त्योहारों के दौरान पढ़ा जाता है। यह व्यक्तिगत ध्यान और चिंतन के लिए भी एक लोकप्रिय भजन है।
यहां त्वमेव ब्रुही स्तोत्रम के पहले कुछ छंदों का अनुवाद है:
त्वमेव ब्रुहि
त्वमेव ब्रुहि भो राम त्वमेव शरणं मम
त्वमेव रक्षेत्वं त्वमेव परमं पदम्
हे राम, कृपया मुझे बताएं। तू ही मेरा आश्रय है।
आप ही मेरे रक्षक हैं, आप ही परम लक्ष्य हैं।
त्वमेव भो राम त्वमेव जगतप्रभु
त्वमेव सर्वदेवता त्वमेव सर्वदेव
हे राम, आप अकेले ही ब्रह्मांड के स्वामी हैं।
आप ही सब देवता हैं, आप ही सब देवता हैं।
त्वमेव भो राम त्वमेव सर्वजगत्पति
त्वमेव सर्वरक्षक त्वमेव सर्वव्यापि
हे राम, आप ही समस्त प्राणियों के स्वामी हैं।
आप ही सबके रक्षक हैं, आप ही सर्वत्र विद्यमान हैं।
त्वमेव ब्रुही स्तोत्रम एक बहुत शक्तिशाली और प्रेरक भजन है, और यह निश्चित रूप से किसी भी भक्त को प्रेरित और उत्थान करेगा जो इसे भक्ति के साथ पढ़ता है
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