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- Create Date October 6, 2023
- Last Updated July 29, 2024
आपदुद्धारक श्रीहनुमत्सोत्रम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान हनुमान की स्तुति करता है। यह स्तोत्र हनुमान जी को आपदाओं से बचाने वाला माना जाता है।
स्तोत्र इस प्रकार है:
श्रीरामदूत महाबल पराक्रमी,
सर्वकार्ये सिद्धिप्रदाय।
सर्वशत्रुविनाशकारी,
जन्मजन्मान्तर दुःखहारी।
अष्टसिद्धि नवनिधि दायिनी,
कृपा करो महावीर हनुमान।
राम भक्त के तुम रक्षक हो,
सदैव मेरे साथ रहो।
॥ जय श्री हनुमान ॥
इस स्तोत्र में, हनुमान जी को विभिन्न शक्तियों से संपन्न बताया गया है। उन्हें सर्वशत्रुविनाशकारी कहा गया है, और कहा गया है कि वे भक्तों के दुखों को दूर करते हैं।
स्तोत्र के पाठ से हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस स्तोत्र के पाठ से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आपदाओं से बचाते हैं।
यहां स्तोत्र का एक सरल अर्थ है:
हे हनुमान जी, आप राम के दूत हैं और आपके पास महान बल और पराक्रम है। आप सभी कार्यों में सिद्धि प्रदान करते हैं। आप सभी शत्रुओं का नाश करते हैं और जन्म-जन्मांतर के दुखों को दूर करते हैं। आप आठ सिद्धियों और नौ निधियों के दाता हैं। कृपा करके मेरे ऊपर अपनी कृपा दृष्टि डालें। मैं हमेशा आपका भक्त रहूंगा।
जय श्री हनुमान!
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