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- Create Date November 5, 2023
- Last Updated November 5, 2023
आत्मनाथस्तुतिः विष्णुकृता Atmanathstuti: Vishnukrita
Atmanathstuti: Vishnukrita
आत्मनाथस्तुतिः विष्णुकृता एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है "विष्णु द्वारा बनाया गया।" यह भगवान विष्णु की रचनात्मक शक्ति और उनके द्वारा बनाई गई सभी चीजों की सुंदरता और पूर्णता को दर्शाता है।
आत्मनाथस्तुतिः शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है:
- Atmanath (आत्मनाथ): "स्वयं का स्वामी"
- Krita (कृत): "बनाया हुआ"
इस प्रकार, आत्मनाथस्तुतिः का शाब्दिक अर्थ है "स्वयं के स्वामी द्वारा बनाया गया।" इस संदर्भ में, "स्वयं का स्वामी" भगवान विष्णु को संदर्भित करता है।
आत्मनाथस्तुतिः शब्द का उपयोग अक्सर भगवान विष्णु की प्रशंसा करने के लिए किया जाता है। यह उनके द्वारा बनाई गई सभी चीजों की सुंदरता और पूर्णता को दर्शाता है। यह भगवान विष्णु की रचनात्मक शक्ति और उनके द्वारा बनाए गए ब्रह्मांड की जटिलता और विविधता को भी दर्शाता है।
आत्मनाथस्तुतिः शब्द का उपयोग अक्सर भक्तिपूर्ण साहित्य में भी किया जाता है। यह भक्तों को भगवान विष्णु की रचनाओं की प्रशंसा करने और उनकी रचनात्मक शक्ति की महिमा करने के लिए प्रेरित करता है।
उदाहरण:
Atmanathstuti: Vishnukrita
- "विष्णु कृता सर्वं जगत्, सुंदरं पूर्णमिदं। विष्णुस्तुतिं करोति यः, सर्वं लभते सुखं।"
इस श्लोक का अर्थ है:
"यह संपूर्ण जगत भगवान विष्णु द्वारा बनाया गया है। यह सुंदर और पूर्ण है। जो कोई भी भगवान विष्णु की प्रशंसा करता है, वह सभी सुखों को प्राप्त करता है।"
आत्मनाथस्तुतिः शब्द एक शक्तिशाली शब्द है जो भगवान विष्णु की रचनात्मक शक्ति और उनके द्वारा बनाई गई सभी चीजों की सुंदरता और पूर्णता को दर्शाता है। यह भक्तों को भगवान विष्णु की प्रशंसा करने और उनकी रचनात्मक शक्ति की महिमा करने के लिए प्रेरित करता है।