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- Create Date October 6, 2023
- Last Updated October 6, 2023
अंजनीशष्टकोटिशतनामावली और हनुमदशतकोटिशतनामावली दोनों ही हनुमान जी के स्तुति में लिखी गई संस्कृत श्लोकावली हैं। अंजनीशष्टकोटिशतनामावली में 6,000 नाम हैं, जबकि हनुमदशतकोटिशतनामावली में 10,000 नाम हैं।
अंजनीशष्टकोटिशतनामावली की रचना 17वीं शताब्दी में संत तुलसीदास ने की थी। यह श्लोकावली हनुमान जी के विभिन्न नामों और गुणों का वर्णन करती है।
हनुमदशतकोटिशतनामावली की रचना 16वीं शताब्दी में संत कवि नारायण भट्ट ने की थी। यह श्लोकावली भी हनुमान जी के विभिन्न नामों और गुणों का वर्णन करती है।
दोनों श्लोकावलीयां हनुमान जी की भक्ति करने के लिए पढ़ी जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि इन श्लोकावलीयों के पाठ से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और भक्तों को उनकी सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं।
अंजनीशष्टकोटिशतनामावली के कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
- अंजनी सुत
- केसरीनंदन
- पवनसुत
- मारुति
- महावीर
- अंजनी कुमार
- रामदूत
- फलदायी
- सर्वार्थ सिद्धि
हनुमदशतकोटिशतनामावली के कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
- अनन्यशरण
- आनंदकंद
- अश्वत्थामा
- भारद्वाज
- भीम
- ब्रह्मचारी
- बजरंगबली
- चंद्रमौली
- दशरथनंदन
इन दोनों श्लोकावलीयों को पढ़ने से हनुमान जी के प्रति भक्ति और प्रेम बढ़ता है।
अंजनीशष्टकोटिशतनामावली और हनुमदशतकोटिशतनामावली के बीच मुख्य अंतर यह है कि अंजनीशष्टकोटिशतनामावली में 6,000 नाम हैं, जबकि हनुमदशतकोटिशतनामावली में 10,000 नाम हैं। इसके अलावा, अंजनीशष्टकोटिशतनामावली की रचना संत तुलसीदास ने की थी, जबकि हनुमदशतकोटिशतनामावली की रचना संत कवि नारायण भट्ट ने की थी।
दोनों श्लोकावलीयां हनुमान जी के भक्तों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं।
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