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- Create Date November 5, 2023
- Last Updated July 29, 2024
Andhakritam Shivastotram
अंधककृत शिवस्तोत्र एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र अंधक नामक एक राक्षस द्वारा रचित था, जिसे भगवान शिव ने मारा था।
अंधककृत शिवस्तोत्र में, भगवान शिव को ब्रह्मांड के निर्माता, संहारक और संरक्षक के रूप में वर्णित किया गया है। स्तोत्र में, भगवान शिव को दयालु, करुणामय और सभी के लिए मंगलकारी के रूप में भी वर्णित किया गया है।
अंधककृत शिवस्तोत्र के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:
- श्लोक 1:
अंधक उवाच
असुरेश नमस्तेऽस्तु भवभयहरे। सर्वशक्तिमते त्रिलोचनाय नमो नमस्ते।
अर्थ:
"हे असुरों के स्वामी, हे भय को हरने वाले, हे सर्वशक्तिमान, हे तीन नेत्रों वाले, आपको नमस्कार।"
- श्लोक 2:
सर्वभूताधाराय सर्वभूतहिताय। सर्वभूतस्वरूपाय सर्वभूतप्रकाशाय नमः।
अर्थ:
"हे सभी प्राणियों के आधार, हे सभी प्राणियों के हितकारी, हे सभी प्राणियों के स्वरूप, हे सभी प्राणियों के प्रकाश, आपको नमस्कार।"
- श्लोक 3:
दयामयाय करुणाय सर्वलोकहिताय। सर्वदुःखहर्ताय शम्भो नमस्तेऽस्तु।
अर्थ:
"हे दयालु, हे करुणामय, हे सभी लोकों के हितकारी, हे सभी दुखों को हरने वाले, शंकर, आपको नमस्कार।"
- श्लोक 4:
Andhakritam Shivastotram
महादेवाय शंभवे शंकररूपिणे। नमस्तेऽस्तु देवदेवाय शर्वाय नमो नमस्ते।
अर्थ:
"हे महादेव, हे शंभु, हे शंकर के रूप में, हे देवों के देव, हे शर्व, आपको नमस्कार।"
- श्लोक 5:
असुरारी नमस्तेऽस्तु जगदीश्वराय। सर्वशक्तिमते त्रिलोचनाय नमो नमस्ते।
अर्थ:
"हे असुरों के शत्रु, हे जगदीश्वर, हे सर्वशक्तिमान, हे तीन नेत्रों वाले, आपको नमस्कार।"
अंधककृत शिवस्तोत्र एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भक्तों को भगवान शिव की आराधना और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।
अभिषेकपाण्ड्यकृता सुन्दरेश्वर स्तुतिः अपराधाष्टकम् Abhishekpandykrita Sundareshwar Stuti: Krihaashtakam
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