शिवषडक्षरस्तोत्रम् Shivshadksharastotram

Shivshadksharastotram शिवषडक्षरस्तोत्रम् एक प्राचीन स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र केवल छह अक्षरों से बना है, जो हैं: ॐ नमः शिवाय शिवषडक्षरस्तोत्रम् के रचयिता अज्ञात हैं। यह स्तोत्र भगवान शिव के भक्तों के बीच…

श्रीखण्डराजस्तोत्रम् Shrikhandrajasotram

Shrikhandrajasotram श्रीखंडराजसूत्रम् एक प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रन्थ है जो श्रीखंड राज नामक एक औषधि के बारे में है। श्रीखंड राज एक आयुर्वेदिक टॉनिक है जो कई तरह की बीमारियों के इलाज में उपयोगी है। यह पाचन तंत्र, हृदय, मस्तिष्क और अन्य…

श्रीताण्डवेश्वरस्तोत्रम् Sritandaveshvarstotram

Sritandaveshvarstotram श्रीतंडवेश्वरस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के एक विशेष रूप, तंडवेश्वर की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 10वीं शताब्दी के कवि और दार्शनिक श्री अवधेशाचार्य द्वारा रचित है। श्रीतंडवेश्वरस्तोत्रम् में कुल 10 श्लोक हैं। प्रत्येक…

श्रीनटेश पञ्चरत्नस्तोत्रम् Shrinatesh Pancharatnastotram

Shrinatesh Pancharatnastotram श्रीनातेश्वर पंचरत्नास्तोत्रम् अर्थ: हे नाथ! आप ही सृष्टि, पालन और संहार के कारण हैं। आप ही समस्त ब्रह्मांड के स्वामी हैं। आप ही सभी जीवों के उद्धारकर्ता हैं। आप ही त्रिगुणात्म, त्रिलोचन, त्रिशूलधारी हैं। आप ही सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ…

श्रीपञ्चलिङ्गस्तोत्रम् Sripanchalingastotram

Sripanchalingastotram श्रीपञ्चलिंगस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के पंचलिङ्ग रूप की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 14वीं शताब्दी के कवि और दार्शनिक श्री विद्यारत्न द्वारा रचित है। श्रीपञ्चलिंगस्तोत्रम् में कुल 10 श्लोक हैं। प्रत्येक श्लोक में,…

श्रीपरमेश्वरस्तोत्रम् २ Sriparmeshwarstotram 2

 Sriparmeshwarstotram 2 श्रीपरमेश्वरस्तोत्रम् द्वितीयम् अर्थ: परमात्मा ही सबका स्वामी है, सबका पिता है, सबका माता है, सबका गुरु है। वह सबके अंदर और बाहर विद्यमान है। वह अजन्मा, अविनाशी, निराकार, निर्विकार, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ और सर्वव्यापी है। वह परम सत्य है,…

श्रीरामेश्वरस्तोत्रं Shri Rameshwar Stotram

Shri Rameshwar Stotram श्री रामेश्वर स्तोत्र श्री रामेश्वराय नमः पंचवटीनिवासाय रामेश्वराय नमः गंगातटवासिनाय रामेश्वराय नमः सर्वशत्रुनाशाय रामेश्वराय नमः सर्वपापनाशाय रामेश्वराय नमः सर्वसुखदायकाय रामेश्वराय नमः सर्वमोक्षदायकाय रामेश्वराय नमः यावत् जीवेत् नरः पर्यंतं रामेश्वरम् पूजयेत् प्रयत्नेन सर्वविघ्ननाशनम् श्री रामेश्वराय नमः अर्थ: श्री…

श्रीकृष्णद्वादशनामस्तोत्रम् Shrikrishnadvadashnamstotram

श्रीकृष्णद्वादशनामस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के बारह नामों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र ब्रह्मवैवर्त पुराण में पाया जाता है। श्रीकृष्णद्वादशनामस्तोत्रम् की कुछ पंक्तियाँ निम्नलिखित हैं: Shrikrishnadvadashnamstotram श्रीकृष्णद्वादशनामस्तोत्रम् कृष्ण गोविन्द हरि वासुदेव जन्मजन्मोत्तरं नमस्ते देवकीनन्दन मुकुन्द गोपनाथ…

श्रीकृष्णसहस्रनामस्तोत्रम् shreekrshnasahasranaamastotram

श्रीकृष्ण सहस्रनामस्तोत्र एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के एक हजार नामों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र विद्यापति द्वारा रचित है, जो एक विख्यात मैथिली कवि थे। श्रीकृष्ण सहस्रनामस्तोत्र में भगवान कृष्ण के नामों की स्तुति की गई…

श्रीकृष्णस्तोत्रं इन्द्ररचितम् shreekrshnastotran indrarachitam

नहीं, श्रीकृष्णस्तोत्रन इंद्ररचित नहीं है। श्रीकृष्णस्तोत्रन संत कवि विद्यापति द्वारा रचित एक संस्कृत स्तोत्र है। यह स्तोत्र श्रीकृष्ण के बाल रूप की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र वराष्टक छंद में रचित है, जिसमें प्रत्येक चरण में आठ अक्षर…

श्रीमदनगोपालस्तोत्रम् shreemadanagopaalastotram

श्रीमदनगोपालाष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण के बाल रूप की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र संत कवि विद्यापति द्वारा रचित है। यह स्तोत्र वराष्टक छंद में रचित है, जिसमें प्रत्येक चरण में आठ…

श्रीमधुसूदनस्तोत्रम् shreemadhusoodanastotram

श्रीमधुसूदनस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र संत कवि विद्यापति द्वारा रचित है। यह स्तोत्र अष्टपदी छंद में रचित है, जिसमें प्रत्येक चरण में आठ अक्षर होते हैं।…