विश्वरूपप्रकटनम् vishvaroopaprakatanam

विश्वरूपप्रकटन एक हिंदू धार्मिक अवधारणा है जो भगवान कृष्ण के विश्वरूप के दर्शन को संदर्भित करती है। यह घटना महाभारत के युद्ध के दौरान हुई थी, जब भगवान कृष्ण ने अर्जुन को विश्वरूप का दर्शन दिया था। विश्वरूप को भगवान…

वेणुगोपालस्तोत्रम् venugopaalastotram

वेणुगोपालस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति में लिखा गया है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण के बालरूप की सुंदरता और लीलाओं का वर्णन करता है। वेणुगोपालस्तोत्रम् का रचनाकार अज्ञात है, लेकिन यह माना जाता है कि यह…

वेदान्तपरभागवतं vedaantaprabhaagavatan

वेदांतप्रभामंडन एक संस्कृत ग्रंथ है जिसे १५वीं शताब्दी में माधवाचार्य ने लिखा था। यह ग्रंथ वेदांत दर्शन का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और इसमें वेदांत के विभिन्न सिद्धांतों का विस्तृत विवेचन किया गया है। वेदांतप्रभामंडन का उद्देश्य वेदांत दर्शन को…

व्रजविहारः Vrajviharah

व्रजविहार भगवान कृष्ण के बचपन और युवावस्था में व्रज में बिताए गए समय को संदर्भित करता है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण अवधि है क्योंकि यह भगवान कृष्ण के जीवन और चरित्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। Vrajviharah…

शचीतनयाष्टकम् shachitanayashtakam

शचीतनयाष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है, जिसे आदि शंकराचार्य द्वारा रचित माना जाता है। यह स्तोत्र भगवान शिव की पत्नी पार्वती की स्तुति करता है। शचीतनयाष्टकम् के छंद निम्नलिखित हैं: shachitanayashtakam शचीतनयाष्टकम् नमस्ते शचीतनये हे शची के पुत्री को नमस्कार है।…

शचीसुताष्टकम् Shachisutashtakam

शचीसुतष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है, जिसे आदि शंकराचार्य द्वारा रचित माना जाता है। यह स्तोत्र भगवान शंकर के पुत्र कार्तिकेय की स्तुति करता है। शचीसुतष्टकम् के छंद निम्नलिखित हैं: Shachisutashtakam शचीसुतष्टकम् नमस्ते कार्तिकेयाय हे कार्तिकेय को नमस्कार है। वरदे वारुणे…

शरणागति गद्यम् Sharanagati Gadyam

शरणागति श्लोक या शरणागति श्लोकम एक संस्कृत श्लोक है जो भक्ति योग के मार्ग में शरणागति के महत्व को बताता है। यह श्लोक भगवान श्रीकृष्ण द्वारा श्रीमद् भगवद्गीता में उपदेशित किया गया है। Sharanagati Gadyam श्लोक सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज…

श्रीकृष्णध्यानानि Srikrishnadhyanani

श्रीकृष्ण ध्यान एक प्रकार का ध्यान है जो भगवान कृष्ण के स्वरूप और गुणों पर केंद्रित होता है। यह ध्यान भगवान कृष्ण के प्रति प्रेम और भक्ति को बढ़ावा देने का एक शक्तिशाली तरीका है। श्रीकृष्ण ध्यान की विधि निम्नलिखित…

श्रीकृष्णनामावलिः Shri Krishnanamavali:

श्रीकृष्णनामावली एक संस्कृत स्तोत्र है, जिसे आदि शंकराचार्य द्वारा रचित माना जाता है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण के 1000 नामों की स्तुति करता है। श्रीकृष्णनामावली के छंद निम्नलिखित हैं: Shri Krishnanamavali: श्रीकृष्णनामावली कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हे नाथ नारायण वासुदेव…

श्रीकृष्णभजनाष्टकम् Srikrishnabhajanashtakam

श्रीकृष्णभजनष्टकम एक संस्कृत स्तोत्र है, जिसे आदि शंकराचार्य द्वारा रचित माना जाता है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण की भक्ति के आठ गुणों की स्तुति करता है। श्रीकृष्णभजनष्टकम के छंद निम्नलिखित हैं: Srikrishnabhajanashtakam श्रीकृष्णभजनष्टकम कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हे नाथ नारायण…

श्रीकृष्णमङ्गलम् 2 Srikrishnamangalam 2

श्रीकृष्णमंगलम 2 एक संस्कृत स्तोत्र है, जिसे आदि शंकराचार्य द्वारा रचित माना जाता है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण की मंगलकारी लीलाओं की स्तुति करता है। इस स्तोत्र में भगवान कृष्ण को एक ऐसे देवता के रूप में वर्णित किया गया…

श्रीकृष्णमङ्गलम् Srikrishnamangalam

श्रीकृष्णमंगलम एक संस्कृत स्तोत्र है, जिसे आदि शंकराचार्य द्वारा रचित माना जाता है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण की मंगलकारी लीलाओं की स्तुति करता है। इस स्तोत्र में भगवान कृष्ण को एक ऐसे देवता के रूप में वर्णित किया गया है,…