वसुदेवसुतष्टकम् भगवान कृष्ण की एक भक्तिपूर्ण स्तुति है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में रचित है और इसमें भगवान कृष्ण के विभिन्न रूपों और गुणों का वर्णन किया गया है। स्तोत्र का प्रारंभ वसुदेव और देवकी के पुत्र के रूप में…
श्रीकाटेक्षोदशी एक हिंदू त्योहार है जो भगवान शिव के तीसरे नेत्र का उत्सव मनाता है। यह कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान, भगवान शिव के तीसरे नेत्र की पूजा की…
श्रीकामेश्वर स्तोत्रम भगवान शिव की एक भक्तिपूर्ण स्तुति है। यह स्तोत्र 9 श्लोकों में रचित है और इसमें भगवान शिव के विभिन्न रूपों और गुणों का वर्णन किया गया है। स्तोत्र का प्रारंभ ककार से होता है, जो भगवान शिव…
श्री गोकुलनाथष्टकम् एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण को गोकुल के नाथ के रूप में स्तुति करता है। यह स्तोत्र १७वीं सदी के भक्ति कवि देवकीनन्दन दास द्वारा रचित है। स्तोत्र में, देवकीनन्दन दास भगवान कृष्ण को गोकुल के…
श्रीगोकुलेशयनाशतकम् एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के गोकुल में निवास करने के समय के बारे में है। यह स्तोत्र १६वीं सदी के भक्ति कवि सूरदास द्वारा रचित है। स्तोत्र में, सूरदास भगवान कृष्ण की बालसुलभ हरकतों और गोकुल…
श्रीगोकुलेशष्टकम् २ एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करता है। यह स्तोत्र २०वीं सदी के भक्ति कवि गोविन्ददास द्वारा रचित है। स्तोत्र में, गोविन्ददास भगवान कृष्ण को गोकुल के राजकुमार के रूप में दर्शाते…
श्रीगोकुलेशष्टकम् 3 एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान श्रीकृष्ण के गोकुलेश रूप की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का वर्णन करता है, जो गोकुल के राजा के रूप में अवतरित हुए थे। श्रीगोकुलेशष्टकम् 3 की रचना…
श्रीगोविन्दाष्टकम् एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान श्रीकृष्ण के गोपाल रूप की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का वर्णन करता है, जो गायों के पालक के रूप में अवतरित हुए थे। श्रीगोविन्दाष्टकम् की रचना स्वामी हरिदास…
श्रीनन्दकुमाराष्टकम् एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान श्रीकृष्ण के बचपन के रूप, बालकृष्ण की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का वर्णन करता है, जो एक मासूम और प्यारे बच्चे के रूप में अवतरित हुए थे। श्रीनन्दकुमाराष्टकम्…
श्रीनित्यानन्दद्वादाशकम एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान श्रीकृष्ण के अनंत आनंद को दर्शाता है। यह स्तोत्र भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का वर्णन करता है, जो हमेशा आनंदित और प्रसन्न रहते हैं। श्रीनित्यानन्दद्वादाशकम की रचना आदि शंकराचार्य जी द्वारा की गई…
श्रीपंचघातेस्तोत्रम एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान श्रीकृष्ण के पाँच रूपों की स्तुति करता है। इन पाँच रूपों को पंचकल्याणक कहा जाता है, जो हैं: बालकृष्ण गोपाल रासलीला कृष्ण-सुदामा कृष्ण-अर्जुन श्रीपंचघातेस्तोत्रम की रचना स्वामी हरिदास जी द्वारा की गई थी।…
श्रीपंचाक्षरमंत्रगर्भस्तोत्र एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान श्रीकृष्ण के पंचाक्षर मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र पंचाक्षर मंत्र को एक आध्यात्मिक शक्ति के रूप में वर्णित करता है, जो भक्तों को मोक्ष प्रदान…