KARMASU

गौराङ्गाष्टकम् (सार्वभौम भट्टाचार्यविरचितम् मलयसुवासित) Gauraangaashtakam (saarvabhaum bhattaachaaryavirachitam malayasuvaasitam)

Gauraangaashtakam (saarvabhaum bhattaachaaryavirachitam malayasuvaasitam) गौरांगष्टकम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान गौरांग की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में रचित है और इसमें भगवान गौरांग के रूप और गुणों का वर्णन किया गया है। स्तोत्र का प्रारंभ भगवान…

चित्रकवित्वानि Chitrakavitavaanee

Chitrakavitavaanee तत्र द्व्यक्षराणि रसासारसुसारोरुरसुरारिः ससार सः । संसारासिरसौ रासे सुरिरंसुः ससारसः ॥ १॥ चर्चोरुरोचिरुच्चोरा रुचिरोऽरं चराचरे । चौराचारोऽचिराच्चीरं रुचा चारुरचूचुरत् ॥चारुरचूचुरत् २॥ धरे धराधरधरं धाराधरधुरारुधम् ।धाराधरधुरारुधम् धीरधीरारराधाधिरोधं राधा धुरन्धरम् ॥धुरन्धरम् ३॥ एकाक्षरम् -एकाक्षरम् निनुन्नानेनोननं नूनं नानूनोन्नानननोऽनुनीः । नानेनानां निनुन्नेनं नानौन्नानाननो…

चौराष्टकम् Chauraashtakam

Chauraashtakam चौराष्टकम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में रचित है और इसमें भगवान कृष्ण के रूप और गुणों का वर्णन किया गया है। स्तोत्र का प्रारंभ भगवान कृष्ण के रूप…

छन्दोऽष्टादशकम् chhandoshtaadashakam

Chhandoshtaadashakam जगन्नाथगीतामृतम एक संस्कृत ग्रंथ है जो भगवान जगन्नाथ की महिमा का वर्णन करता है। यह ग्रंथ 16 वीं शताब्दी के वैष्णव संत और दार्शनिक श्रीचैतन्य महाप्रभु द्वारा लिखा गया था। गीतामृतम में, श्रीचैतन्य महाप्रभु भगवान जगन्नाथ को सर्वोच्च भगवान…

जगन्नाथगीतामृतम् jagannaathageetaamrtam

जगन्नाथगीतामृतम एक संस्कृत ग्रंथ है जो भगवान जगन्नाथ की महिमा का वर्णन करता है। यह ग्रंथ 16 वीं शताब्दी के वैष्णव संत और दार्शनिक श्रीचैतन्य महाप्रभु द्वारा लिखा गया था। गीतामृतम में, श्रीचैतन्य महाप्रभु भगवान जगन्नाथ को सर्वोच्च भगवान के…

तुलसीप्रियाष्टकम् tulaseepriyaashtakam

तुलसीप्रियाष्टकम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु की पत्नी तुलसी की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में रचित है और इसमें तुलसी के रूप और गुणों का वर्णन किया गया है। स्तोत्र का प्रारंभ तुलसी के रूप…

नन्दिघोषरथः nandighosharathah

नंदीघोषरथ एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है “नंदी के रथ पर सवार।” यह शब्द आमतौर पर भगवान शिव को संदर्भित करता है, जो अपने वाहन, नंदी, पर सवार रहते हैं। नंदी एक बैल का रूप है जो भगवान शिव…

नाममाहात्म्याष्टकम् naamamahaatmyaashtakam

नामरत्नाख्यस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान श्रीकृष्ण के 108 नामों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 17 वीं शताब्दी के वैष्णव संत और दार्शनिक श्रीरघुनाथजी द्वारा लिखा गया था। स्तोत्र का प्रारंभ भगवान श्रीकृष्ण के नामों की महिमा के…

नामरत्नाख्यस्तोत्रम् naamaratnaakhyastotram

नामरत्नाख्यस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान श्रीकृष्ण के 108 नामों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 17 वीं शताब्दी के वैष्णव संत और दार्शनिक श्रीरघुनाथजी द्वारा लिखा गया था। स्तोत्र का प्रारंभ भगवान श्रीकृष्ण के नामों की महिमा के…

नित्यानन्दाष्टकम् nityaanandaashtakam

नित्यानन्दाष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु के अवतार नित्यानन्द के रूप की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में रचित है और इसमें नित्यानन्द के रूप और गुणों का वर्णन किया गया है। स्तोत्र का प्रारंभ नित्यानन्द…

पुरीश्वराष्टकम् pureeshvaraashtakam

पूर्णेश्वराष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में रचित है और इसमें भगवान शिव की महिमा का वर्णन किया गया है। स्तोत्र का प्रारंभ भगवान शिव के रूप और गुणों के…

प्रणामप्रणयाख्यस्तवः pranapranyaakhyaastavah

प्राणप्रणयैक्यस्थाव एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है “प्राण और प्राण का एकीकरण।” यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक व्यक्ति का प्राण और प्राण, या सांस और चेतना, एक साथ मिल जाते हैं। इस स्थिति में, व्यक्ति को शांति,…