मंगलाचरणम् 2 एक संस्कृत श्लोक है जो भगवान विष्णु की महिमा का वर्णन करता है। यह श्लोक 12 अक्षरों का है और इसे “द्वादशाक्षरी मंगलाचरणम्” भी कहा जाता है। मंगलाचरणम् 2 की रचना 12वीं शताब्दी के कवि जयदेव ने की…
मदनमाहाष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की प्रेम और आनंद की शक्ति का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में रचित है। मदनमाहाष्टकम् की रचना 13वीं शताब्दी के कवि जयदेव ने की थी। यह स्तोत्र “मदनमाहाष्टक” के…
महाप्रभोराष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में रचित है। महाप्रभोराष्टकम् की रचना 16वीं शताब्दी के कवि श्रीनिवासाचार्य ने की थी। यह स्तोत्र “श्रीविष्णुष्टकम” के नाम से भी जाना…
राधाकृष्णयुगलस्तुति एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण और राधा की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 18 श्लोकों में रचित है। राधाकृष्णयुगलस्तुति की रचना 17वीं शताब्दी के कवि भक्तिविनोद ठाकुर ने की थी। यह स्तोत्र “राधाकृष्णयुगलगीत” के नाम से भी…
लालायितदिलोकांचाषयनाम् एक संस्कृत वाक्यांश है जिसका अर्थ है “जो अपने लाड़ से संसार को मोहित करता है”। यह वाक्यांश अक्सर भगवान कृष्ण के लिए प्रयोग किया जाता है। laalayatidolikaamanchashayanam भगवान कृष्ण अपने लाड़ और प्रेम से सभी को मोहित करते…
लीलाशतानामास्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु की लीलाओं की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 100 नामों से भगवान विष्णु की स्तुति करता है। लीलाशतानामास्तोत्रम् की रचना 13वीं शताब्दी के कवि वात्स्यायन त्रिपाठी ने की थी। यह…
लीलाशतानामास्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु की लीलाओं की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 100 नामों से भगवान विष्णु की स्तुति करता है। लीलाशतानामास्तोत्रम् की रचना 13वीं शताब्दी के कवि वात्स्यायन त्रिपाठी ने की थी। यह…
वस्त्रहरण एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है “वस्त्रों को छीनना”। यह शब्द अक्सर महाभारत के एक महत्वपूर्ण प्रकरण का वर्णन करने के लिए प्रयोग किया जाता है, जिसमें कौरवों द्वारा द्रौपदी का वस्त्रहरण किया जाता है। vastraharanam महाभारत के…
श्रीकृष्णलीलाष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की बाल्य लीलाओं की स्तुति करता है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक कृष्ण की एक अलग लीला की प्रशंसा करता है। श्रीकृष्णलीलाष्टकम् की रचना आदि शंकराचार्य ने…
श्रीकृष्णाष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक कृष्ण के गुणों और विशेषताओं की प्रशंसा करता है। श्रीकृष्णाष्टकम् की रचना आदि शंकराचार्य ने की थी। यह…
श्रीकृष्णाष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक कृष्ण के गुणों और विशेषताओं की प्रशंसा करता है। श्रीकृष्णाष्टकम् की रचना आदि शंकराचार्य ने की थी। यह…
श्रीकृष्णस्य द्वादशक्षारात्मको मन्त्रः “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” shreekrshnasy dvaavinshatyaksharaatmaako mantrah यह मन्त्र भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह एक बहुत ही शक्तिशाली मन्त्र है जिसका उपयोग भक्ति, शांति और ज्ञान प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। मन्त्र…