अच्युताष्टकम् १ (शङ्कराचार्यविरचितं अच्युतं केशवम्) achyutaashtakam 1

अच्युताष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में रचित है। अच्युताष्टकम् की रचना 8वीं शताब्दी के कवि शंकराचार्य द्वारा की गई थी। यह स्तोत्र “अष्टपदी” छंद में रचित है।…

अदितिकृता वासुदेवस्तुतिः arjunakrtam shreekrshnastotran

arjunakrtam shreekrshnastotran अर्जुनकृत श्रीकृष्णस्तोत्र एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 10 श्लोकों में रचित है। अर्जुनकृत श्रीकृष्णस्तोत्र की रचना 14वीं शताब्दी के कवि जयदेव द्वारा की गई थी। यह स्तोत्र “श्रीकृष्णस्तोत्र”…

अर्जुनकृतम् श्रीकृष्णस्तोत्रं arjunakrtam shreekrshnastotran

अर्जुनकृत श्रीकृष्णस्तोत्र एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 10 श्लोकों में रचित है। अर्जुनकृत श्रीकृष्णस्तोत्र की रचना 14वीं शताब्दी के कवि जयदेव द्वारा की गई थी। यह स्तोत्र “श्रीकृष्णस्तोत्र” के नाम…

अष्टपदी ashtapadee

अष्टपदी एक संस्कृत काव्य शैली है। यह एक प्रकार की छंद योजना है जिसमें प्रत्येक पद में आठ मात्राएँ होती हैं। अष्टपदी का प्रयोग भक्ति, प्रेम, श्रद्धा आदि विषयों पर रचित काव्यों में किया जाता है। अष्टपदी के कुछ महत्वपूर्ण…

इन्द्रकृता श्रीकृष्णस्तुतिः indrakrta shreekrshnastutih

इन्द्रकृत श्रीकृष्णस्तुति एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 14 श्लोकों में रचित है। इन्द्रकृत श्रीकृष्णस्तुति की रचना 16वीं शताब्दी के कवि कृष्णदास कविराय ने की थी। यह स्तोत्र “श्रीकृष्णस्तुति” के नाम…

कृष्णचन्द्राष्टकम् 3 krshnachandraashtakam 3

krshnachandraashtakam 3 कृष्णचंद्राष्टकम् 3 एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में रचित है। कृष्णचंद्राष्टकम् 3 की रचना 14वीं शताब्दी के कवि जयदेव ने की थी। यह स्तोत्र “चंद्राष्टकम्” के…

कृष्णचैतन्यद्वादशनामस्तोत्रम् krshnachaitanyadvaadashanaamastotram

कृष्णचैतन्यद्वादशानामास्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्णचैतन्य महाप्रभु के बारह नामों का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 12 श्लोकों में रचित है। कृष्णचैतन्यद्वादशानामास्तोत्रम् की रचना 16वीं शताब्दी के कवि गदाधर भट्टाचार्य ने की थी। यह स्तोत्र “द्वादशानामास्तोत्रम्” के नाम…

कृष्णजन्मस्तुतिःkrshnajanmastutih

कृष्णजन्माष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के जन्म का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में रचित है। कृष्णजन्माष्टकम् की रचना 13वीं शताब्दी के कवि नारायण भट्ट ने की थी। यह स्तोत्र “जन्माष्टकम्” के नाम से भी…

गोपीजनवल्लभाष्टकम् २ (वह्निसूनुविरचितम् नवाम्बुदानीकमनोहराय प्रफुल्लराजीवविलोचनाय) gopeejanavallabhaashtakam 2

गोपीजनवल्लभष्टकम् 2 एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की गोपियों के प्रति प्रेम और अनुराग का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में रचित है। गोपीजनवल्लभष्टकम् 2 की रचना 16वीं शताब्दी के कवि भट्ट मथुरानाथ द्वारकाधीश ने की…

गोविन्दराजसुप्रभातम् govindaraajasuprabhaatam

गोविंदराजसुप्रभातम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 14 श्लोकों में रचित है। गोविंदराजसुप्रभातम की रचना 15वीं शताब्दी के कवि गोविंदराज ने की थी। यह स्तोत्र “सुप्रभातम” के नाम से भी जाना…

ज्वरकृतकृष्णस्तोत्रम् jvarakrtakrshnastotram

jvarakrtakrshnastotram माहेश्वर ज्वर को शान्त करने के लिए भगवान् कृष्ण ने वैष्णव ज्वर छोड़ा तब माहेश्वर ज्वर रक्षा के लिए प्रार्थना करने लगा। विद्राविते भूतगणे ज्वरस्तु त्रिशिरास्त्रिपात्। अभ्यधावत दाशार्हं दहन्निव दिशो दश॥

ब्रह्मणा कृता श्रीकृष्णस्तुतिः braahman krta shreekrshnastutih

ब्राह्मण कृत श्रीकृष्णस्तुति एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 24 श्लोकों में रचित है। ब्राह्मण कृत श्रीकृष्णस्तुति की रचना 14वीं शताब्दी के कवि ब्रह्मानन्दाचार्य ने की थी। यह स्तोत्र “श्रीकृष्णस्तुति” के…