याज्ञवल्क्यप्रोक्तः शिवज्ञानोदयः Yajnavalkyaproktah shivgyanodayah

Yajnavalkyaproktah shivgyanodayah रतीकृत्रि शिवस्तुति एक स्तोत्र है जो भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र ऋषि रतीक द्वारा रचित है। रतीकृत्रि शिवस्तुति में 10 श्लोक हैं। इन श्लोकों में भगवान शिव की निम्नलिखित विशेषताओं का वर्णन किया…

याज्ञवल्क्यप्रोक्तः शिवज्ञानोदयः Yajnavalkyaproktah shivgyanodayah

Yajnavalkyaproktah shivgyanodayah रतीकृत्रि शिवस्तुति एक स्तोत्र है जो भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र ऋषि रतीक द्वारा रचित है। रतीकृत्रि शिवस्तुति में 10 श्लोक हैं। इन श्लोकों में भगवान शिव की निम्नलिखित विशेषताओं का वर्णन किया…

रतिकृता शिवस्तुतिः Ratikrita Shivstutih

Ratikrita Shivstutih रतीकृत्रि शिवस्तुति एक स्तोत्र है जो भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र ऋषि रतीक द्वारा रचित है। रतीकृत्रि शिवस्तुति में 10 श्लोक हैं। इन श्लोकों में भगवान शिव की निम्नलिखित विशेषताओं का वर्णन किया…

राजा श्वेतकृतं शिवस्तोत्रम् Raja Shvetkritam Shivastotram

Raja Shvetkritam Shivastotram राजा श्वेतकृत शिवस्तोत्रं एक स्तोत्र है जो भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र राजा श्वेत द्वारा रचित है, जो एक पौराणिक राजा थे। राजा श्वेतकृत शिवस्तोत्रं में 24 श्लोक हैं। इन श्लोकों में…

विश्वनाथाष्टकस्तोत्रम् Vishwanathashtakstotram

Vishwanathashtakstotram विश्वनाथाष्टकस्तोत्रं एक स्तोत्र है जो भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र भगवान शिव के 8 नामों का वर्णन करता है, जो इस प्रकार हैं: गंगाधर गौरकान्ति शूलपाणि नीलकंठ शंभु रुद्र महादेव त्रिलोकनाथ विश्वनाथाष्टकस्तोत्रं में 8…

विश्वमूर्तिस्तोत्रम् अथवा विश्वमूर्त्यष्टकस्तोत्रम् Vishwamurthystotram or Vishwamurtyashtakstotram

Vishwamurthystotram विश्वमूर्तिस्तोत्रं और विश्वमूर्तिअष्टकस्तोत्रं दोनों ही भगवान शिव की महिमा का वर्णन करने वाले स्तोत्र हैं। दोनों स्तोत्रों में भगवान शिव को विश्वमूर्ति, यानी ब्रह्मांड के रूप में वर्णित किया गया है। विश्वमूर्तिस्तोत्रं एक लंबा स्तोत्र है जिसमें 108 श्लोक…

विश्वेश्वरनीराजनम् Visvesvaranirajanam

Visvesvaranirajanam विश्वेश्वरनिराजनम एक स्तोत्र है जो भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र शिव पुराण में मिलता है। इस स्तोत्र में भगवान शिव को विश्वेश्वर, यानी ब्रह्मांड का स्वामी कहा गया है। विश्वेश्वरनिराजनम में 12 श्लोक हैं।…

विष्णुकृतं शिवस्तोत्रम् Vishnukritam Shivastotram

Vishnukritam Shivastotram विष्णुकृतं शिवस्तोत्रं भगवान विष्णु द्वारा रचित एक शिव स्तोत्र है। यह स्तोत्र श्रीमद्भागवत पुराण के पांचवें स्कंध के सत्रहवें अध्याय में मिलता है। इस स्तोत्र में भगवान विष्णु भगवान शिव की महिमा का वर्णन करते हैं। विष्णुकृतं शिवस्तोत्रं…

वीरभद्रसप्तविंशतिनामावलिः Veerbhadrasaptavinshatinamavalih

Veerbhadrasaptavinshatinamavalih वीरभद्रसप्तविंशतिनामावली, भगवान शिव के 27 नामों की एक सूची है। इन नामों का उल्लेख शिव पुराण में मिलता है। इन नामों का जाप करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों के सभी कष्ट दूर होते…

व्यासकृतं शिवस्मरणस्तोत्रम् Vyaskritam Shivsmaranastotram

 Vyaskritam Shivsmaranastotram व्यासकृत शिवस्मरणस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो वेदव्यास द्वारा रचित है। यह स्तोत्र 10 श्लोकों में रचित है और इसमें शिव की स्तुति की गई है। स्तोत्र का प्रारंभ शिव के नामों के उल्लेख से होता है। इसके…

व्यासकृतं शिवस्मरणस्तोत्रम् Vyaskritam Shivsmaranastotram

Vyaskritam Shivsmaranastotram व्यासकृत शिवस्मरणस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो वेदव्यास द्वारा रचित है। यह स्तोत्र 10 श्लोकों में रचित है और इसमें शिव की स्तुति की गई है। स्तोत्र का प्रारंभ शिव के नामों के उल्लेख से होता है। इसके…

व्यासमहर्षिप्रोक्तं रुद्रस्तोत्रम् Vyasmaharshiproktam rudrastotram

Vyasmaharshiproktam rudrastotram व्यास महार्षि द्वारा रचित रुद्रस्तोत्रम् एक प्रसिद्ध शिव स्तोत्र है। यह स्तोत्र 11 श्लोकों में रचित है और इसमें शिव के विभिन्न रूपों और गुणों का वर्णन किया गया है। स्तोत्र का प्रारंभ शिव के त्रिशूल से होता…