कार्तिक दामोदर स्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु के बाल रूप दामोदर की स्तुति में लिखा गया है। यह स्तोत्र 10वीं शताब्दी के कवि अनंताचार्य द्वारा रचित है। कार्तिक दामोदर स्तोत्रम् में कुल 10 श्लोक हैं, प्रत्येक श्लोक…
कारपण्यपञ्जिकास्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति में लिखा गया है। यह स्तोत्र 16वीं शताब्दी के कवि रूप गोस्वामी द्वारा रचित है। कारपण्यपञ्जिकास्तोत्रम् में कुल 45 श्लोक हैं, प्रत्येक श्लोक में 16 मात्राएँ हैं। Karpanyapanjikastotram कारपण्यपञ्जिकास्तोत्रम् की…
कुंजविहार्याष्टकम 1 एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति में लिखा गया है। यह स्तोत्र 10वीं शताब्दी के कवि अनंताचार्य द्वारा रचित है। कुंजविहार्याष्टकम 1 में कुल 8 श्लोक हैं, प्रत्येक श्लोक में 16 मात्राएँ हैं। कुंजविहार्याष्टकम 1…
कृष्णस्तुतिजीव का अर्थ है “कृष्ण की स्तुति का जीवन”। यह एक संस्कृत शब्द है जो भगवान कृष्ण की स्तुति करने के लिए जीवन समर्पित करने का वर्णन करता है। krshnastutihjeev कृष्णस्तुतिजीव की अवधारणा हिंदू धर्म में पाई जाती है। हिंदू…
कृष्णस्तोत्रमदनव एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति में लिखा गया है। यह स्तोत्र 10वीं शताब्दी के कवि अनंताचार्य द्वारा रचित है। कृष्णस्तोत्रमदनव में कुल 100 श्लोक हैं, प्रत्येक श्लोक में 16 मात्राएँ हैं। krshnastotramadanav कृष्णस्तोत्रमदनव की रचना…
देवदालय अर्थ है “देवताओं का मंदिर”। यह एक ऐसा स्थान है जहाँ देवताओं की पूजा की जाती है। देवदालय में आमतौर पर एक मुख्य मंदिर होता है, जहाँ प्रमुख देवता की मूर्ति या प्रतिमा होती है। इसके अलावा, देवदालय में…
मंगलाचरणम् 3 एक संस्कृत श्लोक है जो भगवान गणेश की स्तुति में लिखा गया है। यह श्लोक 10वीं शताब्दी के कवि अनंताचार्य द्वारा रचित है। मंगलाचरणम् 3 का पाठ निम्नलिखित है: mangalaacharanam 3 वक्रतुण्ड महाकाय, सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे…
मंगलाचरणम् 4 एक संस्कृत श्लोक है जो भगवान गणेश की स्तुति में लिखा गया है। यह श्लोक 10वीं शताब्दी के कवि अनंताचार्य द्वारा रचित है। mangalaacharanam 4 मंगलाचरणम् 4 का पाठ निम्नलिखित है: गणेशं त्वां नमामि, महात्मानं देवं। सर्वकार्येषु सिद्धिं,…
madhuraashtakan मधुराशतक एक संस्कृत काव्य है जो 10वीं शताब्दी के कवि अनंताचार्य द्वारा रचित है। यह काव्य भगवान कृष्ण की स्तुति में लिखा गया है। मधुराशतक में कुल 100 श्लोक हैं, प्रत्येक श्लोक में 16 मात्राएँ हैं। मधुराशतक की रचना…
महानारायणास्त्र एक शक्तिशाली तंत्र मंत्र है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह मंत्र भगवान विष्णु की शक्ति और आशीर्वाद को आकर्षित करने के लिए उपयोग किया जाता है। महानारायणास्त्र की रचना 12वीं शताब्दी के तंत्र ग्रंथ “महानारायणतंत्र” में की…
राग आनंद भैरवी श्रीकृष्णचंद्र स्तवन एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 16वीं शताब्दी के कवि और संत सूरदास द्वारा रचित है। राग आनंद भैरवी श्रीकृष्णचंद्र स्तवन की कुछ पंक्तियाँ निम्नलिखित हैं:…
वासुदेवाष्टक एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 12वीं शताब्दी के कवि और दार्शनिक जयदेव द्वारा रचित है। वासुदेवाष्टक की कुछ पंक्तियाँ निम्नलिखित हैं: vaasudevaashtakan वासुदेवाष्टक प्रथम श्लोक: भगवान विष्णु का वर्णन…