खंडिता एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के विरह में व्याकुल राधा की भावनाओं को व्यक्त करता है। यह स्तोत्र 12 अष्टपदीओं में विभाजित है, प्रत्येक अष्टपदी राधा के विरह की एक अलग भावना को व्यक्त करती है। खंडिता…
गर्भगताकृष्णस्तुति एक संस्कृत स्तोत्र है जो गर्भ में स्थित भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 24 श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में आठ चरणों होते हैं। गर्भगताकृष्णस्तुति की रचना 14वीं शताब्दी में भक्तिकाल के कवि सूरदास ने…
गोपीगीता एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण और उनकी गोपियों के बीच की प्रेमालाप का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 12 अष्टपदीओं में विभाजित है, प्रत्येक अष्टपदी एक गोपी की कृष्ण के प्रति प्रेम की अभिव्यक्ति है। गोपीगीता की…
जयदेवकृत गीतगोविंदम एक संस्कृत महाकाव्य है, जिसे भक्तिकाल के सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय महाकाव्यों में से एक माना जाता है। यह महाकाव्य भगवान कृष्ण और राधा की प्रेम कहानी का वर्णन करता है। गीतगोविंदम में कुल 24 सर्ग हैं, जिनमें…
पांडुरंगाष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु के अवतार पांडुरंग की स्तुति करता है। यह स्तोत्र आदि शंकराचार्य द्वारा रचित है। पांडुरंग का अर्थ है “नीले रंग वाला”। यह स्तोत्र भगवान पांडुरंग के आठ दिव्य गुणों का वर्णन करता…
शशांकमोलीश्वरस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 10वीं शताब्दी में श्रीमच्छंकराचार्य द्वारा रचित था। शशांकमोलीश्वरस्तोत्रम् के कुछ प्रमुख श्लोक निम्नलिखित हैं: Shashankamoulishwarastotram श्लोक 1: शशांकमोलीश्वराय शशिमुखवल्लभाय । चन्द्रशेखराय नीलकण्ठाय नमो नमः ॥ अर्थ:…
Srikrishna Stotram Brahmavaivartapurane Dharmakritam नहीं, श्रीकृष्ण स्तोत्रम् ब्रह्मवैवर्त पुराण में धर्मकृत द्वारा रचित नहीं है। श्रीकृष्ण स्तोत्रम् की रचना 16वीं शताब्दी में हुई थी, जबकि ब्रह्मवैवर्त पुराण की रचना 10वीं शताब्दी में हुई थी। इस प्रकार, श्रीकृष्ण स्तोत्रम् की रचना…
श्रीकृष्ण स्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 100 श्लोकों में विभाजित है। श्रीकृष्ण स्तोत्रम् की रचना का श्रेय 16वीं शताब्दी के कवि और संत श्रीमद्गोपाल भट्ट गोस्वामी को दिया जाता है। यह…
श्रीकृष्ण स्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 100 श्लोकों में विभाजित है। श्रीकृष्ण स्तोत्रम् की रचना का श्रेय 16वीं शताब्दी के कवि और संत श्रीमद्गोपाल भट्ट गोस्वामी को दिया जाता है। यह…
श्रीकृष्णस्य सप्तदशक्षरो मन्त्रः कृष्णाय गोविन्दाय नमो नमः अर्थ: हे कृष्ण! हे गोविंद! आपको नमस्कार है। श्रीकृष्णस्य सप्तदशक्षरो मन्त्रः एक शक्तिशाली मन्त्र है जो भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करने के लिए जपा जाता है। यह मन्त्र 17 अक्षरों का है…
श्रीकृष्णनुस्मृति एक संस्कृत ग्रन्थ है जो भगवान कृष्ण की स्मृति में लिखा गया है। यह ग्रन्थ 13वीं शताब्दी के कवि और संत श्रीजयदेव द्वारा लिखा गया था। श्रीकृष्णनुस्मृति में, श्रीकृष्ण की प्रेममय लीलाओं का वर्णन किया गया है। यह ग्रन्थ…
श्रीकृष्णाष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में विभाजित है। श्रीकृष्णाष्टकम् की रचना का श्रेय 12वीं शताब्दी के कवि और संत श्रीजयदेव को दिया जाता है। यह स्तोत्र श्रीकृष्ण की प्रेममय…