श्रीवातपुरनाथाष्टकम् shreevaatpuranaathaashtakam

श्रीवैकुण्ठनाथष्टक एक संस्कृत स्तोत्र है, जिसे आदि शंकराचार्य द्वारा रचित माना जाता है। यह स्तोत्र भगवान विष्णु के वैकुण्ठ निवास रूप की स्तुति करता है। इस स्तोत्र में भगवान विष्णु को एक सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापी और सर्वज्ञ देवता के रूप में…

श्रीवेणुगोपालस्वामिनः shreevenugopaalasvaameeh

श्रीवेणुगोपालास्वामी एक भगवान कृष्ण का अवतार हैं। वे भगवान कृष्ण के बाल रूप हैं, जो एक ग्वाल बाल के रूप में वर्णित हैं। वे आमतौर पर एक हरी या पीली धोती पहने हुए, एक बांसुरी बजाते हुए और एक गाय…

श्रीव्रजनवीनयुवद्वन्द्वाष्टकम् shreevrjanaveenyoovadvandvaashtakam

श्रीवरजनावेनीयोग्यौदंड्वाष्टक एक संस्कृत स्तोत्र है, जिसे आदि शंकराचार्य द्वारा रचित माना जाता है। यह स्तोत्र भगवान शिव की आराधना और उनकी महिमा का वर्णन करता है। इस स्तोत्र में भगवान शिव को एक सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापी और सर्वज्ञ देवता के रूप…

श्रीशुकप्रोक्ता श्रीकृष्णस्तुतिः shreeshukaprokta shreekrshnastutih

श्रीशुक प्रोक्त श्रीकृष्णस्तुति, श्रीमद्भागवत के दशम स्कंध का एक अंश है। यह स्तुति भगवान श्रीकृष्ण की आराधना और उनकी महिमा का वर्णन करती है। इस स्तुति में भगवान श्रीकृष्ण को एक सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापी और सर्वज्ञ देवता के रूप में वर्णित…

अच्युताष्टकं २ achyutaashtakan 2

अच्युताष्टक 2, आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक संस्कृत स्तोत्र है। यह स्तोत्र भगवान विष्णु के अच्युत (अक्षय, अविनाशी) रूप की स्तुति करता है। अच्युताष्टक 2 के छंद निम्नलिखित हैं: achyutaashtakan 2 अच्युताच्युत हरे परमात्मन् राम कृष्ण पुरुषोत्तम विष्णो जानकीनायकं रामचन्द्रं…

अच्युताष्टकम् ३ Achyutashtakam 3

अच्युताष्टकम् ३ १॥ विश्वमङ्गल विभो जगदीश नन्दनन्दन नृसिंह नरेन्द्र । २॥ रामचन्द्र रघुनायक देव दीननाथ दुरितक्षयकारिन् । ३॥ देवकीतनय दुःखदवाग्ने राधिकारमण रम्यसुमूर्ते । ४॥ गोपिकावदनचन्द्रचकोर नित्य निर्गुण निरञ्जन जिष्णो । ५॥ गोकुलेश गिरिधारण धीर यामुनाच्छतटखेलनवीर । ६॥ द्वारकाधिप दुरन्तगुणाब्धे प्राणनाथ…

अद्वैताष्टकं २ Advaitaashtakam 2

अद्वैताष्टकम २, एक संस्कृत स्तोत्र है जो अद्वैत वेदांत के सिद्धांतों को दर्शाता है। यह स्तोत्र २०वीं शताब्दी के भारतीय दार्शनिक और संत, स्वामी विवेकानंद द्वारा रचित है। स्तोत्र का पहला श्लोक इस प्रकार है: Advaitaashtakam 2 अद्वैताष्टकम २ सर्वं…

अद्वैताष्टकम् advaitaashtakam

अद्वैताष्टकम् एक संस्कृत श्लोक है जो अद्वैत वेदांत दर्शन का सार प्रस्तुत करता है। यह श्लोक 10वीं शताब्दी के कवि रामानुज द्वारा रचित है। अद्वैताष्टकम् में कुल आठ श्लोक हैं, प्रत्येक श्लोक में आठ अक्षर हैं। advaitaashtakam अद्वैताष्टकम् की रचना…

अष्टश्लोकी ashtashlokee

अष्टाक्षरी एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है “आठ अक्षरों वाला”। यह एक प्रकार का श्लोक है जिसमें आठ अक्षरों वाले प्रत्येक श्लोक होते हैं। अष्टाक्षरी श्लोकों का उपयोग अक्सर भक्ति गीतों और स्तोत्रों में किया जाता है। अष्टाक्षरी श्लोकों…

उडुपि श्रीकृष्ण सुप्रभातम् udupi shreekrshn suprabhaatam

उडुपी में भगवान कृष्ण का सूर्यास्त एक अद्भुत दृश्य है। श्रीकृष्ण मंदिर से सूर्यास्त देखना विशेष रूप से सुंदर है। जैसे ही सूरज पश्चिमी आकाश में लाल चमकता है, भगवान कृष्ण मंदिर की मीनारें और प्रतीक शानदार रोशनी में चमकते…

ककारादि श्रीकृष्णसहस्रनामस्तोत्रम् Kakaradi Srikrishna Sahasranamastotram

अब यहाँ इसके केवल हिंदी भावार्थ को व केवल ककारादिकालीसहस्रनामावली दिया जा रहा है। पाठकों से अनुरोध कि- इसे न मनोरंजन की दृष्टि से देखें न ही प्रयोग करें क्योंकि इसमें काली माता के गूढ़ रहस्य दिया गया है जिसमें…

ककारादिश्रीकृष्णसहस्रनामावलिः Kakaradishrikrishnasahasranamavalih

काकभुशुण्डि श्रीकृष्ण सहस्रनामावली एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के नामों की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 10वीं शताब्दी के कवि अनंताचार्य द्वारा रचित है। काकभुशुण्डि श्रीकृष्ण सहस्रनामावली में कुल 1000 नाम हैं, प्रत्येक नाम में 16…