श्रीकृष्णाष्टकम् भगवान कृष्ण की आठ श्लोकों वाली एक स्तुति है। यह स्तुति भगवान कृष्ण के विभिन्न गुणों और रूपों का वर्णन करती है। श्रीकृष्णाष्टकम् का प्रथम श्लोक भगवान कृष्ण के परम पिता, भगवान विष्णु की स्तुति करता है। दूसरे श्लोक…
श्रीकृष्णाष्टकम् भगवान कृष्ण की आठ श्लोकों वाली एक स्तुति है। यह स्तुति भगवान कृष्ण के विभिन्न गुणों और रूपों का वर्णन करती है। श्रीकृष्णाष्टकम् का प्रथम श्लोक भगवान कृष्ण के परम पिता, भगवान विष्णु की स्तुति करता है। दूसरे श्लोक…
श्रीकृष्णाष्टकम् भगवान कृष्ण की आठ श्लोकों वाली एक स्तुति है। यह स्तुति भगवान कृष्ण के विभिन्न गुणों और रूपों का वर्णन करती है। श्रीकृष्णाष्टकम् का प्रथम श्लोक भगवान कृष्ण के परम पिता, भगवान विष्णु की स्तुति करता है। दूसरे श्लोक…
श्रीकृष्णाष्टकम् की तीसरी पंक्ति निम्नलिखित है: वन्दे यौवनकृष्णं वल्गुलितशरीरम। इसका अर्थ है: मैं यौवनकृष्ण को नमस्कार करता हूँ, जिनका शरीर अत्यंत सुंदर और आकर्षक है। इस पंक्ति में, कृष्ण के यौवन रूप की प्रशंसा की गई है। कृष्ण का यौवन…
श्रीकृष्णाष्टकम् की चौथी पंक्ति निम्नलिखित है: वन्दे मधुरवक्त्रम कृष्णं भक्तवत्सलम। इसका अर्थ है: मैं मधुर वक्तृत्व वाले कृष्ण को नमस्कार करता हूँ, जो अपने भक्तों के लिए सदैव प्रिय हैं। इस पंक्ति में, कृष्ण के मधुर वक्तृत्व की प्रशंसा की…
श्रीकृष्णाष्टकम् भगवान कृष्ण की आठ श्लोकों वाली एक स्तुति है। यह स्तुति भगवान कृष्ण के विभिन्न गुणों और रूपों का वर्णन करती है। श्रीकृष्णाष्टकम् का प्रथम श्लोक भगवान कृष्ण के परम पिता, भगवान विष्णु की स्तुति करता है। दूसरे श्लोक…
श्रीकृष्णाष्टकम् भगवान कृष्ण की आठ श्लोकों वाली एक स्तुति है। यह स्तुति भगवान कृष्ण के विभिन्न गुणों और रूपों का वर्णन करती है। श्रीकृष्णाष्टकम् का प्रथम श्लोक भगवान कृष्ण के परम पिता, भगवान विष्णु की स्तुति करता है। दूसरे श्लोक…
श्रीकृष्णाष्टोत्तरशतनामावली भगवान कृष्ण के 108 नामों का एक संग्रह है। ये नाम विभिन्न शास्त्रों और पुराणों में पाए जाते हैं। इन नामों का जाप करने से भक्तों को भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। श्रीकृष्णाष्टोत्तरशतनामावली का प्रथम नाम “ॐ…
Shrikeshavbrahmadinamanandarassotram श्रीकेशाब्ब्रह्मदिनमानन्दरसस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र 14वीं शताब्दी के भक्ति संत, श्री नारायण भट्ट द्वारा रचित है। स्तोत्र के प्रारंभ में, भगवान शिव को “केशाब्ब्रह्म” के रूप में वर्णित किया…
Srikeshwarajashtakam श्रीकेश्वरराजाष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र 16वीं शताब्दी के भक्ति संत, श्री मधुसूदन सरस्वती द्वारा रचित है। स्तोत्र के प्रारंभ में, भगवान शिव को “केशरत्नधारी” के रूप में वर्णित किया…
Srikeshavadi Chaturvinshatinamastotram श्रीकेशावादि चतुर्विशतिनामस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र 12वीं शताब्दी के भक्ति संत, श्री शंकराचार्य द्वारा रचित है। स्तोत्र के प्रारंभ में, भगवान शिव को “केशावादि” के रूप में वर्णित…
Sri Ganganarayandevashtakam श्री गंगानारायणदेवाष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान गंगाधर के रूप में विख्यात भगवान विष्णु की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र 16वीं शताब्दी के भक्ति संत, श्री तुलसीदास द्वारा रचित है। स्तोत्र के प्रारंभ में, भगवान विष्णु…