श्रीकृष्णाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् Shrikrishnaashtottarashatanamastotram

श्रीकृष्णाष्टोत्तरसहस्रनामस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 1080 श्लोकों में विभाजित है। श्रीकृष्णाष्टोत्तरसहस्रनामस्तोत्रम् की रचना का श्रेय 14वीं शताब्दी के कवि और संत श्रीवल्लभाचार्य को दिया जाता है। यह स्तोत्र वल्लभाचार्य के प्रेम…

श्रीकृष्णाष्टोत्तरशतनामावली प्रेमामृतरसायनाख्या Srikrishnaashtottarashatanamavali premamritarasayanakhaya

श्रीकृष्णाष्टोत्तरसहस्रनामावली एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 1080 श्लोकों में विभाजित है। श्रीकृष्णाष्टोत्तरसहस्रनामावली की रचना का श्रेय 14वीं शताब्दी के कवि और संत श्रीवल्लभाचार्य को दिया जाता है। यह स्तोत्र वल्लभाचार्य के प्रेम…

श्रीगान्धर्वासंप्रार्थनाष्टकम् Srigandharvasamprarthanashtakam

श्रीगंधर्वसंपार्थनाष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान गणेश की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में विभाजित है। श्रीगंधर्वसंपार्थनाष्टकम् की रचना का श्रेय 17वीं शताब्दी के कवि और संत श्रीमद्भागवताचार्य जी को दिया जाता है। यह स्तोत्र श्रीमद्भागवताचार्य जी…

आनन्दस्तोत्रम् Anandstotram

आनंदस्तोत्र एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 10 श्लोकों में विभाजित है। आनंदस्तोत्र की रचना का श्रेय 15वीं शताब्दी के कवि और संत श्री वल्लभाचार्य को दिया जाता है। यह स्तोत्र वल्लभाचार्य के…

कृष्णाश्रयः Krishnashrayah

कृष्णश्रयः एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है “कृष्ण की शरण”। यह शब्द कृष्ण भक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण अवधारणा है। कृष्णश्रय का अर्थ है कि कृष्ण को अपना आराध्य मानना और उनकी शरण में जाना। कृष्णभक्तों का मानना ​​है…

केशवाष्टकम् २ Keshavashtakam 2

केशवाष्टकम 2 एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में विभाजित है। केशवाष्टकम 2 की रचना का श्रेय 19वीं शताब्दी के कवि और संत स्वामी रामकृष्ण परमहंस को दिया जाता है। यह…

केशादिपादश्रवणामृतम् keshaadipaadashravanamrtam

केश आदि पादा शरवणमृतम एक संस्कृत श्लोक है जो भगवान कृष्ण के बाल रूप की महिमा का वर्णन करता है। यह श्लोक 16 शब्दों में विभाजित है। श्लोक का अर्थ है: keshaadipaadashravanamrtam “भगवान कृष्ण के बाल रूप के बालों का…

कैवल्याष्टकम् अथवा केवलाष्टकम् kaivalyaashtakam ya kevalaashtakam

कैवल्यष्टकम या केवल्यष्टकम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में विभाजित है। कैवल्यष्टकम की रचना का श्रेय 12वीं शताब्दी के कवि और संत अद्वैत वेदांत के प्रवर्तक शंकराचार्य को दिया जाता…

गाथाछन्दःस्तवः pauraanikachandrastavah

पुराणिक चंद्र स्तवन एक संस्कृत स्तोत्र है जो चंद्र देव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र विभिन्न पुराणों में पाया जाता है, जिनमें ब्रह्मांड पुराण, विष्णु पुराण, और शिव पुराण शामिल हैं। पुराणिक चंद्र स्तवन में, चंद्र देव को सभी…

गोपालतापिन्युपनिषत् Gopalatapinyupanishat

गोपालतपनीय उपनिषद एक वैदिक उपनिषद है जो भगवान कृष्ण के बाल रूप, गोपाल की महिमा का वर्णन करता है। यह उपनिषद संस्कृत भाषा में लिखा गया है और इसमें 11 अध्यायों में 116 श्लोक हैं। गोपालतपनीय उपनिषद की रचना का…

गोपालाक्षयकवचम् Gopalakshayakavacham

गोपालक्षय कवचम एक पवित्र स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की रक्षा प्रदान करने के लिए कहा जाता है। यह स्तोत्रम संस्कृत भाषा में लिखा गया है और इसमें 15 श्लोक हैं। गोपालक्षय कवचम की रचना का श्रेय ब्रह्मा जी को…

श्रीकृष्णकवचम् Srikrishnakavacham

श्रीकृष्णकवचम एक पवित्र स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की रक्षा प्रदान करने के लिए कहा जाता है। यह स्तोत्रम संस्कृत भाषा में लिखा गया है और इसमें 10 श्लोक हैं। श्रीकृष्णकवचम की रचना का श्रेय किसी अज्ञात संत या कवि…