श्रीमलहानिकरेश्वरस्तुतिः Shrimalhanikareshwarstutih

Shrimalhanikareshwarstutih (श्रीश‍ृङ्गगिरौ – श्रीभवानीमलहानिकरेश्वरकल्याणोत्सवे )श्रीभवानीमलहानिकरेश्वरकल्याणोत्सवे स्वग्रामगमनवाच्छा सर्वेषां प्रकृतिसिद्धा हि । काशीयात्रा तस्मात्काशीश तवैव खलु युक्ता ॥ १॥ शीर्षान्मुक्ताहारव्याजात्स्वर्गापगा शम्भोः । गङ्गाधर विस्रस्ता नृत्यं किमु कुर्वतस्तवेशान ॥ २॥ शरदिन्दुसोदरमुखं करनिर्जितपङ्कजं कृपाम्भोधिम् ।कृपाम्भोधिम् त्वां पश्यन्तं मामिह क्षुत्तृष्णे नैव बाधेते ॥ ३॥ सर्वाङ्गसुन्दर…

श्रीमल्लारिकवचम् Srimallarikavacham

Srimallarikavacham श्रीमल्हारिकवचम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के मल्लिकार्जुन रूप की रक्षा प्रदान करने वाले मंत्र का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 10 श्लोकों में विभाजित है और इसमें भगवान शिव के मल्लिकार्जुन रूप के विभिन्न गुणों और…

श्रीमल्लारिमाहात्म्यम् Srimallarimahatmyam

Srimallarimahatmyam ध्यानम् -ध्यानम् हेमाम्भोजप्रवालप्रतिमनिजरुचिं चारुखट्वाङ्गपद्मौ चक्रं शक्तिं सपाशं सृणिमतिरुचिरामक्षमालां कपालम् ।कपालम् हस्ताम्भोजैर्दधानं त्रिनयनविलसद्वेदवक्त्राभिरामं मार्ताण्डं वल्लभार्धं मणिमयमुकुटं हारदीप्तं भजामः ॥ मकुटमणिमयूखप्रोज्झिताशेषरत्नं विमलशशिकलाङ्कं सुन्दरेन्दीवराक्षम् ।सुन्दरेन्दीवराक्षम् अनुकृतशशितेजः कुण्डलं चारुहासं प्रकटदशनशोभानिर्जितानेकहीरम् ॥प्रकटदशनशोभानिर्जितानेकहीरम् १॥ श्रीवेणुगोपालस्वामिनः shreevenugopaalasvaameeh

श्रीमल्लिकार्जुनस्तोत्रम् Sri Mallikarjunastotram

Sri Mallikarjunastotram श्री मल्लिकार्जुन स्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में विभाजित है और इसमें भगवान शिव के विभिन्न रूपों और गुणों का वर्णन किया गया है। श्री मल्लिकार्जुन स्तोत्रम्…

श्रीमल्हारि म्हाळसाकान्तप्रातःस्मरणम् Srimalhari Mhalsakantpratahsmaranam

Srimalhari Mhalsakantpratahsmaranam श्रीमलहरी महालक्ष्मीप्रातःस्मरणम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो देवी महालक्ष्मी की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 10 श्लोकों में विभाजित है और इसमें देवी महालक्ष्मी के विभिन्न रूपों और गुणों का वर्णन किया गया है। श्रीमलहरी महालक्ष्मीप्रातःस्मरणम् की रचना…

श्रीवैद्यनाथस्तोत्रम् Srivaidyanathstotram

Srivaidyanathstotram श्रीवैद्यनाथस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 10 श्लोकों में विभाजित है और इसमें भगवान शिव को एक महान चिकित्सक के रूप में वर्णित किया गया है। श्रीवैद्यनाथस्तोत्रम् की रचना का श्रेय…

श्रीशङ्करमाहात्म्यम् Shrishankarmahatmyam

 Shrishankarmahatmyam श्रीशंकरमाहात्म्यम् एक संस्कृत ग्रंथ है जो आदि गुरु शंकराचार्य की जीवनी और शिक्षाओं का वर्णन करता है। यह ग्रंथ 12 अध्यायों में विभाजित है और इसमें शंकराचार्य के जन्म, शिक्षा, गुरुभक्ति, दर्शन, और कर्मों का वर्णन किया गया है।…

श्रीशङ्करापराधक्षमापनस्तोत्रम् Sri Shankaraparadhakshamapanastotram

 Sri Shankaraparadhakshamapanastotram श्रीशङ्करापराधक्षमापनस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो आदि गुरु शंकराचार्य से क्षमा मांगता है। यह स्तोत्र उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जिन्होंने शंकराचार्य के सिद्धांतों और शिक्षाओं का उल्लंघन किया है। श्री शंकराचार्य अपराधक्षमापन स्तोत्रम्…

श्रीशिवपञ्चचामरस्तोत्रम् Shreeshivpanchamarstotram

Shreeshivpanchamarstotram श्रीशिवपंचामर्स्तोत्रम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र केवल पाँच श्लोकों में रचित है, लेकिन इसमें भगवान शिव के सभी महत्वपूर्ण रूपों और गुणों का वर्णन किया गया है। श्रीशिवपंचामर्स्तोत्रम की रचना का…

श्रीशिवस्तोत्रम् – स्वामी विवेकानन्दविरचितम् Sri Shivastotram – Swami Vivekananda Virchitam

Sri Shivastotram – Swami Vivekananda Virchitam श्री शिवस्तोत्रम एक प्राचीन संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 100 श्लोकों में विभाजित है और इसमें भगवान शिव के विभिन्न रूपों और गुणों का वर्णन किया गया…

विश्वजछन्दसा अण्डधर आनन्द Vishvajchhandsa Andadhar Anand

Vishvajchhandsa Andadhar Anand विश्वज्छंदसा अंधकार आनंद एक संस्कृत वाक्य है जिसका अर्थ है “अनंत आनंद का अंधकार”। यह वाक्य भगवान शिव की स्तुति में प्रयोग किया जाता है। वाक्य के कुछ प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं: विश्वज्छंदसा का अर्थ है “अनंत…

ॐकारेश्वरमहात्म्यम् Omkareshwarmahatmyam

 Omkareshwarmahatmyam ओंकारेश्वर महात्म्य एक संस्कृत ग्रंथ है जो भगवान शिव के ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के माहात्म्य का वर्णन करता है। यह ग्रंथ 12 अध्यायों में विभाजित है, प्रत्येक अध्याय में एक अलग विषय का वर्णन किया गया है। ग्रंथ के कुछ…