शिवाष्टकम् ४ Shivashtakam 4

Shivashtakam 4 शिवष्टकम श्लोक 4 लम्बत्सपिङ्गलजटामुकुटोत्कटाय। दंष्ट्राकरालविकटोत्कटभैरवाय। व्याघ्राजिनाम्बरधराय मनोहराय। त्रैलोक्यनाथनमिताय नमः शिवाय॥ अर्थ जिनके लंबे और लाल जटाओं से मुकुट बना है, जिनके दांत नुकीले और भयानक हैं, जो व्याघ्रचर्म का वस्त्र धारण करते हैं और मनोहर हैं, उन त्रैलोक्यनाथ…

शिवाष्टकम् अगस्त्यकृत अथवा अगस्य्ताष्टकम् Shivashtakam Agastyakrit or Agastyashtakam

Shivashtakam Agastyakrit or Agastyashtakam शिवष्टकम् अगस्त्यकृतम् या अगस्त्यष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र ऋषि अगस्त्य द्वारा रचित है। शिवष्टकम् अगस्त्यकृतम् इस प्रकार है: श्रीगणेशाय नमः श्रीशिवाय नमः ओं नमः शिवाय…

श्री श्रीशङ्करस्तोत्रम् Sri Srishankar Stotram

Sri Srishankar Stotram श्री श्रीशंकर स्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के श्रीशंकर रूप की महिमा का वर्णन करता है। श्रीशंकर का अर्थ है “श्रीयुक्त शिव”। भगवान शिव को श्रीशंकर इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे सभी सुखों…

श्रीप्रपञ्चमातापित्रष्टकम् Sriprapanchamatapitrashtakam

 Sriprapanchamatapitrashtakam श्रीप्रपंचमत्पित्राष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के प्रपंचमत्पिता रूप की महिमा का वर्णन करता है। प्रपंचमत्पिता का अर्थ है “सभी प्रपंचों के पिता”। भगवान शिव को प्रपंचमत्पिता इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे सभी ब्रह्मांडों के पिता…

श्रीमल्लिकार्जुन प्रपत्तिः Shri Mallikarjuna Prapattih

Shri Mallikarjuna Prapattih जय जय जय शम्भो ! जम्भभित्पूर्वदेव प्रणतपदसरोजद्वन्द्व ! निर्द्वन्द्व ! बन्धो ! जय जय जय जन्मस्थेमसंहारकार ! प्रणयसगुणमूर्ते ! पालयास्मान् प्रपन्नान् ॥ १॥ वधूमुखं वल्गदपाङ्गरेखमखण्डितानन्दकरप्रसादम् । विलोकयन् विस्फुरदात्मभावस्स मे गतिश्श्रीगिरिसार्वभौमः ॥ २॥ कुरङ्गपाणिः करुणावलोकः सुरोत्तमश्चन्द्रकलावतंसः । वधूसहायस्सकलेष्टदाता…

श्रीमहाकालभैरवस्तोत्रम् अथवा श्रीमहाकालस्तोत्रम् Srimahakalbhairavastotram or Srimahakalstotram

Srimahakalbhairavastotram or Srimahakalstotram श्रीमहाकालभैरवस्तोत्रम् और श्रीमहाकालस्तोत्रम् दोनों ही भगवान शिव के महाकाल रूप की महिमा का वर्णन करने वाली स्तोत्र हैं। इन दोनों स्तोत्रों में भगवान शिव को विभिन्न नामों से पुकारा जाता है, जैसे कि महाकाल, भैरव, रुद्र, महेश्वर,…

श्रीमहादेवस्तुतिः २ Shri Mahadevstuti: 2

Shri Mahadevstuti: 2 श्री महादेवस्तुति: श्री गणेशाय नमः श्री शिवाय नमः ओं नमः शिवाय हे महादेव, हे शंकर, हे त्रिलोकनाथ, हे जगदीश्वर, हे आदिदेव, हे नमस्ते! हे संहारकर्ता, हे सृष्टिकर्ता, हे पालनकर्ता, हे तीनों लोकों के स्वामी, हे नमस्ते! हे…

श्रीरामनाथस्तुतिः Shriramnathstutih

 Shriramnathstutih (श्रीरामेश्वरक्षेत्रे) श्रीरामपूजितपदाम्बुज चापपाणे श्रीचक्रराजकृतवास कृपाम्बुराशे श्रीसेतुमूलचरणप्रवणान्तरङ्ग श्रीरामनाथ लघु तारय जन्मवार्धिम् ॥ नम्राघवृन्दविनिवारणबद्धदीक्ष शैलाधिराजतनयापरिरब्धवर्ष्मन् । श्रीनाथमुख्यसुरवर्यनिषेविताङ्घ्रे श्रीवीरभद्ररनक्षत्रनामावलिः Shriveerbhadraranakshatranamavalih

श्रीवीरभद्ररनक्षत्रनामावलिः Shriveerbhadraranakshatranamavalih

 Shriveerbhadraranakshatranamavalih श्री वीरभद्रनक्षत्रनामावली एक स्तोत्र है जो भगवान शिव के वीरभद्र रूप की महिमा का वर्णन करता है। वीरभद्र भगवान शिव के एक क्रोध रूप हैं, जिन्हें भगवान शिव के गण भी कहा जाता है। श्री वीरभद्रनक्षत्रनामावली इस प्रकार है:…

श्रीव्याडेश्वरकृपाकवचम् Srivyadeshwarkripakavacham

Srivyadeshwarkripakavacham श्री वैद्येशव कृपाकवच एक शक्तिशाली कवच है जो भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह कवच भगवान शिव के वैद्येशव रूप को समर्पित है, जो रोगों को दूर करने वाले देवता हैं। श्री…

श्रीव्याडेश्वरध्यानमन्त्रः Srivyadeshvaradhyamantra:

Srivyadeshvaradhyamantra: श्री वैद्येशवराध्य मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जो भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह मंत्र भगवान शिव के वैद्येशव रूप को समर्पित है, जो रोगों को दूर करने वाले देवता हैं। श्री…

श्रीशिव आरती Shree Shiv Aarti

Shree Shiv Aarti श्री शिव आरती **ॐ जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥** **ॐ जय शिव ओंकारा॥ **एकदंत दयाला, चार भुजाधारी। माथे पर चंद्रमा, जटा में गंगा धारी॥** **ॐ जय शिव ओंकारा॥ **सुखकारी दुखहारी,…

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