मुनिभिः कृतं शिवस्तोत्रम् Munibhih Kritam Shivastotram

Munibhih Kritam Shivastotram मुनिभिः कृतं शिवस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र ऋषियों और मुनियों द्वारा रचित है। स्तोत्र के 12 श्लोक हैं, प्रत्येक श्लोक में 12 पद हैं। प्रत्येक पद…

रामनाथाष्टकम् Ramanathashtakam

Ramanathashtakam रामनाथष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की रामनाथ रूप की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 16वीं शताब्दी के कवि और संत नरहरि द्वारा रचित है। स्तोत्र के आठ श्लोक हैं, प्रत्येक श्लोक में आठ पद…

रुद्रकवचम् ( स्कंदपुराण ) Rudrakavacham (Skandapurana)

Rudrakavacham (Skandapurana) रुद्रकवचम् एक संस्कृत पाठ है जो भगवान शिव की रक्षा करने वाली एक कवच है। यह कवच भगवान शिव के विभिन्न रूपों और गुणों का वर्णन करता है। रुद्रकवचम् स्कंदपुराण में पाया जाता है। स्कंदपुराण एक हिंदू धार्मिक…

रुद्रकवचम् २ Rudrakavacham 2

Rudrakavacham 2 रुद्रकवचम् 2 एक संस्कृत पाठ है जो भगवान शिव की रक्षा करने वाली एक कवच है। यह कवच भगवान शिव के विभिन्न रूपों और गुणों का वर्णन करता है। कवच के प्रथम श्लोक में, भगवान शिव को रुद्र,…

लक्ष्मीकृतशिवस्तवः Lakshmeekrtashivastavah

Lakshmeekrtashivastavah लक्ष्मीकृतशिवस्तवः एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है “लक्ष्मी द्वारा रचित”। यह शब्द अक्सर भगवान शिव को संदर्भित करने के लिए प्रयोग किया जाता है। शब्द के दो भाग हैं: लक्ष्मी, जो धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी हैं।…

वज्रपञ्जरोपनिषत् Vajrapanjaropanishat

Vajrapanjaropanishat वज्रपाञ्जर उपनिषद् एक संस्कृत उपनिषद् है जो भगवान शिव की पूजा के लिए एक महत्वपूर्ण पाठ है। यह उपनिषद् भगवान शिव को वज्रपाणि, यानी “वज्र का हाथ” के रूप में वर्णित करता है। उपनिषद् के अनुसार, भगवान शिव वज्र,…

वरदानदीतत्तीरस्थमधुकेश्वरस्तुतिः VARADANDITATTIRSTHAMDHUKESHWARSTUTIH

VARADANDITATTIRSTHAMDHUKESHWARSTUTIH वरदानदिष्टिरष्टधामेश्वरस्तुति एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की आठ दिशाओं के रूप में महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 16वीं शताब्दी के कवि और संत नरहरि द्वारा रचित है। स्तोत्र के आठ श्लोक हैं, प्रत्येक श्लोक में…

वरुणप्रोक्तं हालास्याष्टकम् Varunproktam halasyashtakamvarunproktam halasyashtakam

Varunproktam halasyashtakamvarunproktam halasyashtakam वरुणप्रोक्ताम् हलस्यष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के हल (एक प्रकार का कृषि उपकरण) का वर्णन करता है। यह स्तोत्र ऋग्वेद के 10वें मंडल के 103वें सूक्त में पाया जाता है। स्तोत्र के आठ श्लोक…

विचित्रचरितस्तोत्रम् Vichitracharitastotram

Vichitracharitastotram विचित्रचरितस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की विचित्र लीलाओं का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 16वीं शताब्दी के मराठी कवि और संत माधव बापट आपटीकर द्वारा रचित है। स्तोत्र के आठ श्लोक हैं, प्रत्येक श्लोक में चार…

शिव अपराधस्तवः Shiv aparaadhastavah

Shiv aparaadhastavah शिव अपराधस्तव एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव से अपने अपराधों के लिए क्षमा मांगता है। यह स्तोत्र 12वीं शताब्दी के तमिल कवि मणीक्कवासिगर द्वारा लिखा गया था। स्तोत्र में, मणीक्कवासिगर शिव से अपने अपराधों के लिए…

शिवस्तवः ५ shivastavah 5

Shivastavah 5 शिवस्थावः ५ एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 12वीं शताब्दी के तमिल कवि मणीक्कवासिगर द्वारा लिखा गया था। स्तोत्र में, मणीक्कवासिगर शिव की महिमा का वर्णन करते हैं, और उन्हें “शिवस्थावः”…

शिवस्तुतिः Shivastuti:

Shivastuti: शिवस्तुति एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 12वीं शताब्दी के तमिल कवि मणीक्कवासिगर द्वारा लिखा गया था। स्तोत्र में, मणीक्कवासिगर शिव की महिमा का वर्णन करते हैं, और उन्हें “शिव” के रूप…