Chintpurni Devi Arti:श्री चिंतपूर्णी देवी की आरती के लाभ और शुभ समय
Chintpurni Devi Arti:चिंतपूर्णी देवी को “चिंताओं को दूर करने वाली” देवी के रूप में पूजा जाता है। माता के प्रति भक्तों की गहरी आस्था है, और उनकी आरती करने से कई आध्यात्मिक एवं सांसारिक लाभ प्राप्त होते हैं। Chintpurni Devi Arti यह आरती विशेष रूप से उन भक्तों के लिए सहायक है, Chintpurni Devi Arti जो अपने जीवन में समस्याओं से मुक्ति और मानसिक शांति की खोज में हैं।
Chintpurni Devi Arti:श्री चिंतपूर्णी देवी की आरती के लाभ
- चिंताओं और समस्याओं से मुक्ति
चिंतपूर्णी देवी की आरती करने से व्यक्ति की सभी चिंताएं दूर होती हैं। Chintpurni Devi Arti देवी की कृपा से भक्त के जीवन की कठिनाइयाँ दूर होती हैं, और उसे मानसिक शांति मिलती है। जो लोग अपने जीवन में अनावश्यक चिंताओं और समस्याओं से ग्रस्त हैं, उनके लिए यह आरती अत्यंत फलदायी मानी जाती है। - मनोकामना पूर्ण करने वाली
श्री चिंतपूर्णी देवी को मनोकामना पूर्ण करने वाली देवी माना जाता है। Chintpurni Devi Arti उनकी आरती करने से भक्तों की इच्छाएँ और सपने पूरे होते हैं। जिन लोगों के जीवन में किसी विशेष इच्छा की पूर्ति के लिए प्रयत्न चल रहे हैं, वे इस आरती से माँ का आशीर्वाद पा सकते हैं। - सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद
चिंतपूर्णी माता की आरती करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। Chintpurni Devi Arti देवी की कृपा से घर के सभी सदस्यों के बीच प्रेम और एकता बनी रहती है और उनके जीवन में धन-धान्य की वृद्धि होती है। - आध्यात्मिक बल और आत्मविश्वास में वृद्धि
देवी की आरती से आत्मबल और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। इससे व्यक्ति को साहस, आत्मविश्वास और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है, जो उसे अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की ओर ले जाती है। - स्वास्थ्य और कल्याण
देवी की आरती करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है। चिंतपूर्णी माता का Chintpurni Devi Arti आशीर्वाद प्राप्त करने से व्यक्ति रोगों से मुक्त रहता है और उसका शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। - सकारात्मक ऊर्जा और सुरक्षा कवच
देवी चिंतपूर्णी की आरती करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रहता है। माता की आरती एक सुरक्षा कवच की तरह कार्य करती है, जो भक्तों को हर प्रकार की बुरी नजर और नकारात्मकता से बचाती है।
Chintpurni Devi Arti:श्री चिंतपूर्णी देवी की आरती का शुभ समय
- मंगलवार और शुक्रवार के दिन देवी की आरती करना विशेष लाभकारी माना जाता है। Chintpurni Devi Arti इन दिनों में माता चिंतपूर्णी की उपासना से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
- सुबह और संध्या का समय देवी की आरती के लिए सबसे उपयुक्त होता है। Chintpurni Devi Arti सुबह की आरती दिनभर सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार करती है, जबकि संध्या की आरती से मन को शांति और सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- नवरात्रि और अष्टमी तिथि पर देवी की आरती का महत्व और भी बढ़ जाता है। इन दिनों में माता की आरती Chintpurni Devi Arti और पूजा करने से भक्तों को विशेष आशीर्वाद और सिद्धि प्राप्त होती है।
निष्कर्ष
Chintpurni Devi Arti श्री चिंतपूर्णी देवी की आरती करने से सभी चिंताओं से मुक्ति, मनोकामना की पूर्ति, सुख-शांति, स्वास्थ्य, आत्मबल, और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। Chintpurni Devi Arti देवी अपने भक्तों को हर प्रकार की विपत्ति से बचाकर उनके जीवन में सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
श्री चिंतपूर्णी देवी की आरती (Mata Shri Chintpurni Devi Arti)
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी,
जग को तारो भोली माँ
जन को तारो भोली माँ,
काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा ॥
॥ भोली माँ ॥
सिन्हा पर भाई असवार,
भोली माँ, चिंतपूर्णी चिंता दूर ॥
॥ भोली माँ ॥
एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा,
तीजे त्रिशूल सम्भालो ॥
॥ भोली माँ ॥
चौथे हाथ चक्कर गदा,
पाँचवे-छठे मुण्ड़ो की माला ॥
॥ भोली माँ ॥
सातवे से रुण्ड मुण्ड बिदारे,
आठवे से असुर संहारो ॥
॥ भोली माँ ॥
चम्पे का बाग़ लगा अति सुन्दर,
बैठी दीवान लगाये ॥
॥ भोली माँ ॥
हरी ब्रम्हा तेरे भवन विराजे,
लाल चंदोया बैठी तान ॥
॥ भोली माँ ॥
औखी घाटी विकटा पैंडा,
तले बहे दरिया ॥
॥ भोली माँ ॥
सुमन चरण ध्यानु जस गावे,
भक्तां दी पज निभाओ ॥
॥ भोली माँ ॥
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी,
जग को तारो भोली माँ