Chhath Puja 2024: छठ पर्व का खास महत्व है. इस पर्व में सूर्य और छठी मैया की उपासना की जाती है साथ ही 36 घंटो का कड़ा निर्जला व्रत रखा जाता है जिसके लिए कुछ बातें विषेश है तो आईए जानते है.
Chhath Puja 2024: छठ पूजा की शुरुआत इस साल 7 नवंबर 2024 से हो रही है. ये बिहार और झारखंड का सबसे बड़ा पर्व है जो पूरे देश में बेहद धूम धाम के साथ मनाया जाता है. हिन्दू धर्म में इसका विशेष महत्व है. यह पर्व कार्तिक मास (Kartik Maas) के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को शुरू होता है और सप्तमी तिथि तक चलता है. चार दिनों तक चलने वाला ये पर्व सभी के लिए बहुत खास और एहम होता है. इसकी शुरुआत नहाय-खाय (Nahay Khaye) के साथ होती है. छठ पूजा में सूर्य देव (Surya Dev) के साथ उनकी बहन छठ मैया की भी पूजा की जाती है.
छठ पूजा को लेकर कई मान्यताए है जो इस के व्रत को और भी खास बनाती है. छठ पूजा पर रखे जाने वाला व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. Chhath Puja यह व्रत संतान के लिए रखा जाता है उनकी लंबी उम्र ,अच्छी सेहत और सुख-समृद्धि के लिया 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते है. यह व्रत महिलायें रखती है और इसके कुछ कड़े नियम भी है जिनका पालन भी करना पड़ता है.
ऐसे में आईये जाने है Chhath Puja छठ पूजा के दौरान महिलाओं को किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए और कौन सी चीज़े भूल कर भी नहीं करनी चाहिए.
Chhath Puja:इन बातों का रखें ध्यान
Chhath Puja:छठ पूजा के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है ताकि पूजा सही तरीके से संपन्न हो सके और इसका पूरा फल प्राप्त हो सके। यहाँ कुछ ऐसी चीजें बताई गई हैं जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए:
- साफ-सफाई का ध्यान न रखना: छठ पूजा में शुद्धता का विशेष महत्व है। पूजा के दौरान प्रयोग किए जाने वाले बर्तन, कपड़े और पूजन सामग्री एकदम साफ और शुद्ध होने चाहिए।
- गंदे कपड़े पहनना: छठ पूजा में स्वच्छ और नए या अच्छी तरह से धोए गए कपड़े पहनना चाहिए। इस पूजा में साधारण कपड़ों का ही उपयोग होता है, जिससे पूजा की पवित्रता बनी रहती है।
- तामसिक भोजन का सेवन: छठ पूजा के दौरान मांस-मदिरा, प्याज, लहसुन आदि का सेवन पूरी तरह वर्जित माना गया है। इस दौरान सात्विक भोजन का ही पालन करना चाहिए।
- प्लास्टिक या कृत्रिम चीजों का उपयोग: पूजा में प्राकृतिक चीजों का उपयोग करना चाहिए, जैसे बांस की टोकरी, मिट्टी के दीपक आदि। कृत्रिम फूल या प्लास्टिक की चीजों का उपयोग वर्जित माना जाता है।
- बड़ों का अपमान करना: छठ पूजा में बड़ों का आदर करना अति आवश्यक है। किसी भी प्रकार का क्रोध, अपशब्द, या अपमान करने से पूजा का फल नहीं मिलता।
- नियमों का उल्लंघन करना: व्रत करने वाले को पूरे विधि-विधान और नियमों का पालन करना चाहिए। पूजा की शुरुआत से लेकर समापन तक सभी नियमों का सख्ती से पालन जरूरी है।
- सूर्य को अर्घ्य देने में लापरवाही: छठ पूजा में उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य देना बहुत महत्वपूर्ण है। इसे श्रद्धा और समर्पण के साथ किया जाना चाहिए।
- पूजा के दौरान अधीरता या जल्दी करना: इस पूजा में धैर्य और श्रद्धा का होना आवश्यक है। पूजा के हर चरण को धीरज और एकाग्रता से करें, जल्दबाजी से पूजा का महत्व कम हो सकता है।
- प्रसाद :प्रसाद बनाने की जगह पर भोजन न करें.
- पूजा के प्रसाद को:गलती से भी बनाते हुए जूठा ना करें और प्रसाद बनाने से पहले कुछ भी न खाए
Chhath Puja:इन बातों का ध्यान रखने से छठ पूजा विधिवत सम्पन्न होती है और इसका संपूर्ण फल प्राप्त होता है।
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