Bharat Mata Ki Aarti:भारत माता की आरती के लाभ
Bharat Mata Ki Aarti:भारत माता की आरती करना मात्र एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रभक्ति और देश प्रेम का प्रतीक भी है। यह आरती न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करती है बल्कि देश के प्रति समर्पण की भावना को भी जागृत करती है।
Bharat Mata Ki Aarti:भारत माता की आरती के कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:
- राष्ट्रीय एकता: भारत माता की आरती गायन से राष्ट्रीय एकता की भावना मजबूत होती है। यह हमें एक सूत्र में बांधने का काम करती है।
- देशभक्ति का जागरण: यह आरती देशभक्ति की भावना को जागृत करती है और हमें देश सेवा के लिए प्रेरित करती है।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: भारत माता की आरती करने से व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है और वह अपने देश पर गर्व महसूस करता है।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार: आरती के दौरान सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जो मन को शांत और प्रसन्न रखता है।
- मनोबल में वृद्धि: यह आरती देश के नागरिकों के मनोबल को बढ़ाती है और उन्हें मुश्किल परिस्थितियों में भी दृढ़ रहने की शक्ति प्रदान करती है।
- सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण: भारत माता की आरती हमारे सांस्कृतिक मूल्यों को संरक्षित करने में मदद करती है।
- आध्यात्मिक विकास: यह आरती आध्यात्मिक विकास में भी सहायक होती है और भक्तों को ईश्वर के करीब लाती है।
Bharat Mata Ki Aarti:कब करें आरती:
- स्वतंत्रता दिवस
- गणतंत्र दिवस
- किसी विशेष अवसर पर
- प्रतिदिन सुबह या शाम को
Bharat Mata Ki Aarti:कैसे करें आरती:
- एक साफ स्थान पर दीपक जलाकर आरती करें।
- मन में भारत माता का ध्यान करें।
- आरती के दौरान उनकी स्तुति करें।
- शुद्ध भाव से आरती करें।
ध्यान रखें:
- आरती करते समय मन को शांत रखें।
- किसी भी प्रकार की नकारात्मक भावना से दूर रहें।
- नियमित रूप से आरती करने से अधिक लाभ मिलता है।
Bharat Mata Ki Aarti:भारत माता की आरती
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्य विधाता की ।
आरती भारत माता की,
ज़गत के भाग्य विधाता की ।
सिर पर हिम गिरिवर सोहै,
चरण को रत्नाकर धोए,
देवता गोदी में सोए,
रहे आनंद, हुए न द्वन्द,
समर्पित छंद,
बोलो जय बुद्धिप्रदाता की,
जगत के भाग्य विधाता की
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्यविधाता की ।
जगत में लगती है न्यारी,
बनी है इसकी छवि न्यारी,
कि दुनियाँ देख जले सारी,
देखकर झलक,
झुकी है पलक, बढ़ी है ललक,
कृपा बरसे जहाँ दाता की,
जगत के भाग्य विधाता की
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्यविधाता की ।
गोद गंगा जमुना लहरे,
भगवा फहर फहर फहरे,
लगे हैं घाव बहुत गहरे,
हुए हैं खण्ड, करेंगे अखण्ड,
देकर दंड मौत परदेशी दाता की,
जगत के भाग्य विधाता की
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्यविधाता की ।
पले जहाँ रघुकुल भूषण राम,
बजाये बँसी जहाँ घनश्याम,
जहाँ का कण कण तीरथ धाम,
बड़े हर धर्म, साथ शुभ कर्म,
लढे बेशर्म बनी श्री राम दाता की,
जगत के भाग्य विधाता की
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्यविधाता की ।
बड़े हिन्दू का स्वाभिमान ,
किया केशव ने जीवनदान,
बढाया माधव ने भी मान,
चलेंगे साथ,
हाथ में हाथ, उठाकर माथ,
शपथ गीता गौमाता की,
जगत के भाग्य विधाता की
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्यविधाता की ।