Arti Bhagwan Shri Sheetalnath:भगवान श्री शीतलनाथ जी की आरती का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। शीतलनाथ जी, जैन धर्म के दसवें तीर्थंकर, भक्तों के लिए करुणा, शांतिप्रद मार्ग, और कल्याणकारी भावना के प्रतीक हैं। उनकी आरती से मानसिक शांति, शीतलता, और रोगों से मुक्ति मिलती है। विशेषतौर पर Arti Bhagwan Shri Sheetalnath शीतलनाथ जी की आरती करने से शांति और संयम का विकास होता है, जिससे जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
Arti Bhagwan Shri Sheetalnath:भगवान श्री शीतलनाथ जी की आरती के लाभ
- मानसिक शांति और धैर्य: भगवान शीतलनाथ की आरती से व्यक्ति के मन में शांति और धैर्य का विकास होता है, जिससे तनाव और चिंता दूर होती है।
- शीतलता का संचार: उनके नाम में ‘शीतल’ है, जो ठंडक और शांति का प्रतीक है। आरती करने से मन और आत्मा में शीतलता का अहसास होता है, जिससे गुस्सा और अन्य नकारात्मक भावनाओं में कमी आती है।
- रोगों से मुक्ति: धार्मिक मान्यता है कि भगवान शीतलनाथ की आराधना और आरती करने से शरीर और मन की बीमारियों में लाभ होता है। विशेष रूप से त्वचा संबंधी और मानसिक रोगों में यह लाभकारी मानी जाती है।
- शांत और संयमी जीवन: भगवान शीतलनाथ संयम और संयमित जीवन के आदर्श हैं। उनकी आरती करने से व्यक्ति का स्वभाव शांत और संयमी होता है, जो आत्मिक विकास में सहायक होता है।
- कष्टों का नाश: भगवान शीतलनाथ की आरती और पूजा से जीवन में आने वाले कष्टों और संकटों का नाश होता है। कठिन समय में उनके आशीर्वाद से मार्गदर्शन मिलता है।
- सकारात्मकता का विकास: भगवान शीतलनाथ की आरती से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे नकारात्मकता और बाधाएँ दूर होती हैं।
- धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ: उनकी आरती से भक्त में आध्यात्मिक चेतना का विकास होता है और धार्मिक नियमों के पालन में रुचि बढ़ती है। इससे जीवन में सदाचार और नैतिकता का समावेश होता है।
Arti Bhagwan Shri Sheetalnath:भगवान श्री शीतलनाथ जी की आरती का महत्व
भगवान श्री शीतलनाथ Arti Bhagwan Shri Sheetalnath जी की आरती करने से जीवन में शांति, समर्पण, और धर्म की ओर झुकाव बढ़ता है। उनकी पूजा और आरती से व्यक्ति के कर्मों का शुद्धिकरण होता है, जो मोक्ष की ओर बढ़ने में सहायक है। विशेष रूप से जैन पर्व और महत्वपूर्ण अवसरों पर उनकी आरती करने से भक्त को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और समृद्धि का अनुभव होता है।
यदि आप शीतलनाथ Arti Bhagwan Shri Sheetalnath जी की आरती को नियमित रूप से करते हैं, तो यह आपके जीवन में शांति, संतोष, और मानसिक स्थिरता लेकर आती है।
Arti Bhagwan Shri Sheetalnath Ji:आरती: भगवान श्री शीतलनाथ जी
ॐ जय शीतलनाथ स्वामी,
स्वामी जय शीतलनाथ स्वामी।
घृत दीपक से करू आरती,
घृत दीपक से करू आरती।
तुम अंतरयामी,
ॐ जयशीतलनाथ स्वामी॥
॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी…॥
भदिदलपुर में जनम लिया प्रभु,
दृढरथ पितु नामी,
दृढरथ पितु नामी।
मात सुनन्दा के नन्दा तुम,
शिवपथ के स्वामी॥
॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी…॥
जन्म समय इन्द्रो ने,
उत्सव खूब किया,
स्वामी उत्सव खूबकिया ।
मेरु सुदर्शन ऊपर,
अभिषेक खूब किया॥
॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी…॥
पंच कल्याणक अधिपति,
होते तीर्थंकर,
स्वामी होते तीर्थंकर ।
तुम दसवे तीर्थंकर स्वामी,
हो प्रभु क्षेमंकर॥
॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी…॥
अपने पूजक निन्दक केप्रति,
तुम हो वैरागी,
स्वामी तुम हो वैरागी ।
केवल चित्त पवित्र करन नित,
तुमपूजे रागी॥
॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी…॥
पाप प्रणाशक सुखकारक,
तेरे वचन प्रभो,
स्वामी तेरे वचन प्रभो।
आत्मा को शीतलता शाश्वत,
दे तब कथन विभो॥
॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी…॥
जिनवर प्रतिमा जिनवर जैसी,
हम यह मान रहे,
स्वामी हम यह मान रहे।
प्रभो चंदानामती तब आरती,
भाव दुःख हान करें॥
॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी…॥
ॐ जय शीतलनाथ स्वामी,
स्वामी जय शीतलनाथ स्वामी।
घृत दीपक से करू आरती,
घृत दीपक से करू आरती।
तुम अंतरयामी,
ॐ जयशीतलनाथ स्वामी॥
॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी…॥