Vakratunda Mahakaya:वक्रतुण्ड महाकाय मंत्र – गणेश जी की स्तुति
Vakratunda Mahakaya:वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
Vakratunda Mahakaya:यह मंत्र भगवान गणेश को समर्पित एक बहुत ही प्रसिद्ध और शक्तिशाली मंत्र है। इसका जाप करने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है और विघ्न दूर होते हैं।
Vakratunda Mahakaya:मंत्र का अर्थ
- वक्रतुण्ड महाकाय: मुड़े हुए सूंड वाले, बड़े शरीर वाले
- सूर्यकोटि समप्रभ: सूर्य के लाखों टुकड़ों के समान चमकदार
- निर्विघ्नं कुरु मे देव: हे देव! मेरे सभी कार्यों में कोई बाधा न आने दें
- सर्वकार्येषु सर्वदा: सभी कार्यों में हमेशा
Vakratunda Mahakaya:मंत्र का महत्व
- विघ्नहर्ता: गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है। इस मंत्र का जाप करने से जीवन में आने वाली सभी समस्याएं दूर होती हैं।
- बुद्धि का विकास: यह मंत्र बुद्धि का विकास करता है और एकाग्रता बढ़ाता है।
- सफलता का वरदान: यह मंत्र सभी प्रकार की सफलता का वरदान देता है।
- शुभ आरंभ: किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले इस मंत्र का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है।
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मंत्र का जाप कैसे करें
- शांत वातावरण: मंत्र का जाप शांत और एकांत स्थान पर करें।
- शुद्ध मन: मन को शुद्ध करके मंत्र का जाप करें।
- माला: आप माला का उपयोग करके भी मंत्र का जाप कर सकते हैं।
- संख्या: आप अपनी इच्छानुसार मंत्र का जाप कर सकते हैं।
यहाँ कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है:
- गणेश जी की अन्य स्तुतियाँ: गणेश जी की कई अन्य स्तुतियाँ भी हैं जैसे कि गणेश अष्टक, गणेश चालीसा आदि।
- गणेश उत्सव: गणेश उत्सव भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान गणेश जी की पूजा की जाती है और भजन-कीर्तन किए जाते हैं।
- गणेश जी की मूर्ति: गणेश जी की मूर्ति को घर में स्थापित करना बहुत शुभ माना जाता है।
अगर आप गणेश जी के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो आप इन विषयों पर खोज कर सकते हैं:
- गणेश पुराण
- गणेश चालीसा
- गणेश अष्टक
- गणेश उत्सव
वक्रतुण्ड महाकाय – गणेश मंत्र (Vakratunda Mahakaya Ganesh Shlok)
किसी भी प्रकार के कार्य प्रारंभ करने के पूर्व श्री गणेश जी का स्मरण इस मंत्र के साथ अवश्य करना चाहिए, आपके शुभकार्य निश्चित ही सिद्ध होंगे।
वक्रतुण्ड महाकाय
सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव
सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
हिन्दी रूपांतरण:
वक्रतुण्ड: घुमावदार सूंड
महाकाय: महा काया, विशाल शरीर
सूर्यकोटि: सूर्य के समान
समप्रभ: महान प्रतिभाशाली
निर्विघ्नं: बिना विघ्न
कुरु: पूरे करें
मे: मेरे
देव: प्रभु
सर्वकार्येषु: सारे कार्य
सर्वदा: हमेशा, सदैव
घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर काय, करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली।
मेरे प्रभु, हमेशा मेरे सारे कार्य बिना विघ्न के पूरे करें (करने की कृपा करें)॥