Sawan 2024: कुछ ही दिनों में सावन माह की शुरुआत होने वाली है। यह माह देवों के देव महादेव की पूजा को समर्पित है। इस माह के हर दिन को भोलेनाथ की पूजा के लिए शुभ माना गया है। मान्यता है कि सावन में शिव जी की पूजा करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही तरक्की के भी योग बनते हैं। इस माह में चातुर्मास होने के कारण सृष्टि का संचालन शिव जी के हाथों में होता है। ऐसे में उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कई मांगलिक कार्यक्रम किए जाते हैं।

साल 22 जुलाई 2024 से सावन माह की शुरुआत हो रही है। इस दिन प्रीति आयुष्मान योग बन रहा है। इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना रहेगा। ऐसे में यह पूरा दिन शिव जी की आराधना करने के लिए शुभ रहेगा। माना जाता है कि महादेव को प्रसन्न करने के लिए हमेशा सफेद मदार या आक का फूल चढ़ाना चाहिए। इससे व्यक्ति को धरती लोक से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दौरान व्रत रखने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। हालांकि, महादेव की पूजा उनके मंत्रों के बिना अधूरी मानी जाती है। इसी कड़ी में आइए शिव जी के मंत्रों के बारे में जान लेते है।

Sawan 2024 मंत्र जाप करते समय ध्यान रखने योग्य बातें:

  • मंत्र जाप करने से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • शांत और पवित्र स्थान पर बैठें।
  • माला का उपयोग करके मंत्र का जाप करें।
  • मंत्र का जाप धीमी गति से और स्पष्ट उच्चारण के साथ करें।
  • मंत्र जाप करते समय अपने मन को एकाग्र रखें और भगवान शिव के बारे में सोचें।
  • अपनी इच्छा और श्रद्धा के अनुसार मंत्रों का जप करें।

इन मंत्रों के जाप से भगवान शिव को करें प्रसन्न

ॐ नमः शिवाय
ये मंत्र शिवजी का प्रिय मंत्र माना जाता है। पूजा में इसका 108 बार जाप करना चाहिए। इससे दिमाग शात रहता है।

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

महादेव के इस मंत्र को सबसे ज्यादा प्रभावशाली माना जाता है। इसका पूजा में जाप करना लाभदायक होता है।

सावन में शिवलिंग की इस विधि से करें पूजा, भोलेनाथ पूरी करेंगे हर एक मनोकामना

शिव आरोग्य मंत्र
माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा।
आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।
ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।

शिवलिंग पर जल चढ़ाने का मंत्र

मन्दाकिन्यास्तु यद्वारि सर्वपापहरं शुभम् ।

तदिदं कल्पितं देव स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम् ॥

श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः । स्नानीयं जलं समर्पयामि।

शिव शक्तिशाली मंत्र

ऐं ह्रीं श्रीं ‘ऊँ नम: शिवाय:’ श्रीं ह्रीं ऐं।

ऊँ हौं जूं स:

डिस्क्लेमर : ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए Karmasu.in उत्तरदायी नहीं है। 

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